Rules Regarding Body Shaming: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के सभी भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी है. यानी कोई भी नागरिक जो चाहे कर सकता है,कह सकता है. उस पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं होगा. लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी आजकल लोग काफी गलत तरीकों से इस्तेमाल कर रहे हैं. लोग कई ऐसी बातें व्यक्ति की आजादी के तौर पर कह जाते हैं. जो कि शायद उन्हें नहीं कहनी चाहिए होती. 


अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर लोग आजकल बॉडी शेमिंग भी खूब कर रहे हैं. यानी लोगों को मोटा कहना, बौना कहना, किसी का रंग सांवला है तो उसे कालू कहना. यह सब बॉडी शेमिंग के अंदर आते है. लेकिन अगर आपने किसी की बॉडी शेमिंग की तो तो फिर आपको जेल हो सकती है. चलिए क्या है इसके लिए कानून जानते हैं.  


बॉडी शेमिंग को लेकर कानून 


बॉडी शेमिंग को लेकर भारत में फिलहाल कोई आधिकारिक तौर पर कानून नहीं बनाया गया है. यानी ऐसी कोई स्पेसिफिक धारा संविधान में नहीं जोड़ी गई है. जिससे किसी के ऊपर गैर उपयुक्त शारीरिक टिप्पणी करना जुर्म माना जाए. कम शब्दों में कहें तो बॉडी शेमिंग को लेकर कानूनी तौर पर कोई टर्म नहीं है. 


लेकिन अगर आप किसी की बॉडी शेमिंग करते हैं. किसी की शारीरिक बनावट को लेकर उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. तो फिर आप पर मानहानि के तहत केस दायर किया जा सकता है. जिसमें आईपीसी की धारा 399 के तहत आपको 2 साल तक की जेल हो सकती है. 


आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी हो सकता है दर्ज


आमतौर पर लोग बॉडी शेमिंग को बहुत हल्के में लेते हैं. यह एक प्रकार से स्कूल और कॉलेज में की जाने वाली रैगिंग की तरह होती है. जब रैगिंग की जाती है तो कुछ छात्रों पर इसका पर बेहद नेगेटिव इंपैक्ट होता है. यहां तक कि मामलों में छात्रों ने अपनी जान लेने की कोशिश करते देखे गए हैं. 


बॉडी शेमिंग भी एक प्रकार से उसी तरह है. आप किसी को बार-बार उसकी शारीरिक बनावट को लेकर ताने कसते हैं. उसका मजाक उड़ाते हैं, उसे नीचा दिखाते हैं. तो ऐसे मामलों में अक्सर लोग तंग आकर सुसाइड करने की कोशिश करते हैं. अगर ऐसा होता है तो फिर बॉडी शेमिंग करने वालों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज हो सकता है.  


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