Ragging Punishment: हाल ही में केरल से एक काफी भयानक खबर आई है. दरअसल केरल में मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र के साथ सीनियर छात्रों ने बड़े ही गंदे तरीके से रैगिंग की है. छात्र के प्राइवेट पार्ट में वेटलिफ्टिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डंबल लटकाए गए. उसके पूरे कपड़े उतार कर उसे नंगा खड़ा होने पर मजबूर किया गया.
इतना ही नहीं इस छात्र को पिछले कई महीनों से बुरी तरह सीनियर छात्रों द्वारा प्रताड़ित किया जाता रहा. आखिर में रैगिंग से तंग आकर छात्र ने पुलिस में इस बात की शिकायत दर्ज करवाई. तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ. चलिए बताते हैं भारत में रैगिंग करने पर और इस तरह किसी को प्रताड़ित करने पर कितनी सजा हो सकती है.
रैगिंग करने पर क्या होती है सजा?
रैगिंग करना भारत में कानूनी अपराध है. साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में रैगिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. कोई छात्र किसी छात्र की रैगिंग करता है. तो उसपर कानूनी कार्रवाई निश्चित है. बता दें इस तरह के मामलों में बीएनएस की अलग धाराओं के तहत कार्यवाई की जा सकती है. हाल ही में आया यह मामला केरल का है तो ऐसे में केरल रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत भी इन छात्रों पर कार्यवाही की जाएगी. बता दें इन छात्रों को फिलहाल पुलिस ने पकड़ लिया है और उन्हें अदालत में पेश किए जाने की तैयारी है.
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किन धाराओं में हो सकता है केस दर्ज?
बता दें न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग पर पाबंदी लगाई है. बल्कि यूजीसी के नियमों के तहत भी रैगिंग करना अपराध है. ऐसा करने पर छात्रों को निष्कासित किया जा सकता है. ऐसे केस में बीएनएस की धारा 125 के तहत जानबूझकर चोट पहुंचाने के आरोप में 1 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है. इसके साथ ही बीएनएस की धारा 127 के तहत 7 साल तक की जेल हो सकती है. बीएनएस की धारा 138 के तहत मानसिक उत्पीड़न के लिए 2 साल तक की जेल हो सकती है. बीएनएस की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न के तहत 3 साल तक की सजा भी हो सकती है.
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इस तरह मांग सकते हैं मदद
अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति किसी की रैगिंग कर रहा है. या आपके साथ रैगिंग हो रही है. तो आप अपनी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी से शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा आप राष्ट्रीय हेल्पलाइन से भी मदद मांग सकते हैं. तोके साथ ही ऑनलाइन www.antiragging.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
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