आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है. अब डेडलाइन में सिर्फ एक हफ्ता बचा है, लेकिन 7 सितंबर तक दाखिल हुई रिटर्न्‍स की रफ्तार उम्मीद से काफी धीमी है. ‌आमतौर पर लोग मानते हैं कि अगर उनकी सालाना आय टैक्स फ्री लिमिट से कम है तो आईटीआर भरने की कोई जरूरत नहीं होती. ‌ हकीकत यह है कि कुछ परिस्थितियों में आपकी टैक्सेबल इनकम भले ही शून्‍य क्यों न हो, आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर सिर्फ पेनाल्टी लग सकती है बल्कि आयकर विभाग की ओर से नोटिस भी भेजा जा सकता है. 

Continues below advertisement

करंट अकाउंट में एक करोड़ से ज्यादा जमा होने पर 

अगर आपने किसी भी बैंक के करंट अकाउंट में 1 साल के भीतर एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की राशि जमा की है तो आईटीआर फाइल करना जरूरी है. यह नियम कैश और डिजिटल दोनों तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होता है. सरकार का मकसद ऐसे बड़े लेनदेन पर नजर रखना है ताकि काले धन पर रोक लगाई जा सके. 

विदेश यात्रा पर 2 लाख से ज्यादा खर्च होने पर 

अगर आपने सालभर में विदेश यात्रा पर 2 लाख या उससे ज्यादा खर्च किया है तो भी रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होता है. ‌यह खर्च चाय पर्सनल ट्रिप का हो या बिजनेस ट्रिप का दोनों ही स्थितियों में आईटीआर फाइल करना जरूरी है. 

Continues below advertisement

बिजली बिल 1 लाख से ज्यादा होने पर 

अगर आपका सालाना बिजली का बिल 1 रुपये से ज्यादा आता है, तो आयकर विभाग आपके खर्च और आय के बीच अंतर को ट्रैक करने के लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य करता है. यह नियम उन लोगों को कवर करता है जो कमाई कम दिखाते हैं लेकिन खर्च ज्यादा करते हैं. 

टीडीएस काटने पर भी जरूरी है आईटीआर 

अगर आपकी आय पर सालभर में 25 हजार रुपये या उससे ज्यादा टीडीएस कटा है तो आपको आईटीआर दाखिल करना होगा. वहीं सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50 हजार रखी गई है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जिन पर टैक्स कटा है, वे  अपनी इनकम का सही-सही ब्‍योरा दें. 

विदेशी संपत्ति या बैंक खाते वाले लोग 

अगर आपके पास किसी दूसरे देश में कोई संपत्ति है या आप किसी विदेशी की बैंक खाते में साइनिंग अथॉरिटी रखते हैं तो आपको हर हाल में आईटीआर भरना होगा.  आईटीआर दाखिल करते समय आपको अपनी विदेशी आय और एसेट्स की पूरी जानकारी देनी होती है. आयकर विभाग के यह नियम उन लोगों पर नजर रखने के लिए बनाए गए हैं जिनकी घोषित आय कम होती है.  लेकिन उनके खर्च और लेनदेन बड़े होते हैं.  

ये भी पढ़ें: क्या सीएम की मीटिंग में शामिल हो सकते हैं उनके रिश्तेदार, इसे लेकर क्या हैं नियम?