Complaint Against Police For Beating: भारत में कानून व्यवस्था काफी कठोर है. कोई भी अपराधी जुर्म करता है. तो उसे सजा दी जाती है. हालांकि अपराध सिद्ध होने के बाद ही सजा का प्रावधान होता है. अपराधी से जुर्म कबूल करवाने के लिए पुलिस भी हर हद तक जाने को तैयार रहती है. ताकि जुर्म करने वाला कानून से बच ना सके. लेकिन कई बार पुलिस पूछताछ में कुछ हदें पार कर देती है.
तो कई बार पुलिस कस्टडी में आरोपियों और अपराधियों को गंभीर चोटें आ जाती हैं. यहां तक की कुछ मौकों पर देखा गया है कि ऐसे में जान तक चली जाती है. आपको बता दें पुलिस कस्टडी में मारपीट नहीं कर सकती. अगर आपके साथ पुलिस मारपीट करती है तो आप पुलिस के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं. चलिए बताते हैं क्या होते हैं आपके अधिकार और इन्हें कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल.
पुलिस कस्टडी में मारपीट की यहां करें शिकायत
अगर किसी पुलिस स्टेशन में आपके साथ मारपीट हो गई है. तो आपको बिल्कुल भी चुप नहीं बैठना है. आपको बता दें भारतीय संविधान के तहत पुलिस आपके साथ मारपीट नहीं कर सकती. अगर आपके साथ ऐसा होता है तो फिर आप इस बारे में शिकायत करवा सकते हैं.
आप पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर या अन्य अधिकारियों की शिकायत सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस यानी एसपी या फिर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिसा यानी डीआईजी दफ्तर जाकर कर सकते हैं. आप लिखित में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. शिकायत दर्ज करवाने के बाद वहां से पावती भी जरूर लें.
यह भी पढ़ें: बाटला हाउस की तरह कहीं सरकारी जमीन पर तो नहीं बना है आपका घर? ऐसे करें चेक
वरिष्ठ अधिकारी ना सुनें तो यहां करें शिकायत
अगर सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस यानी पुलिस अधीक्षक आपकी शिकायत नहीं दर्ज करता. और डीआईजी ऑफिस में भी आपकी गुहार नहीं सुनी जाती. तो फिर आप सीधे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. ऐसे में न सिर्फ कोर्ट पुलिस कस्टडी में आपके साथ मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों को सजा सुनाएगा. बल्कि जिन अधिकारियों ने आपकी शिकायत पर संज्ञा नहीं लिया उन अधिकारियों को भी दंडित कर सकता है.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल के दौरान क्या नहीं चला सकते हैं गाड़ी? जान लीजिए ये तमाम नियम
इतनी हो सकती है सजा
आपको बता दें भारतीय न्याय संहिता की धारा 73 के तहत जबरन कबूल लाने के लिए चोट पहुंचने पर पुलिस अधिकारियों को 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा धारा 74 के तहत पुलिस हिरासत में गंभीर चोट के लिए 10 साल तक की कैद का प्रावधान है. अगर वहीं आपको अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया है तो उसके लिए 3 साल तक की कैद और जुर्माना है. धारा 118 के तहत ड्यूटी के दुरुपयोग के लिए 5 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है.
यह भी पढ़ें: आपका किरायेदार भी कर सकता है आपके फ्लैट पर दावा, जरूर जान लीजिए ये वाला नियम