शहरों में पार्किंग चालान से जुड़ी धोखाधड़ी बढ़ती जा रही है. हाल ही में ब्रिटेन में इसका एक बड़ा मामला सामने आया है. जिसमें लोगों को अचानक पेनाल्टी चार्ज नोटिस का टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है. इसमें पेमेंट के लिए लिंक दिया जाता है और इसी लिंक के जरिए स्कैमर्स बैंक डिटेल्स और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर चुरा लेते हैं. कई बार मैसेज में धमकी भी दी जाती है कि अगर पेमेंट तुरंत नहीं किया तो लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा, कोर्ट केस होगा या आपका क्रेडिट स्कोर खराब होगा.
पार्किंग में कैसे काम करता है स्कैम?
पार्किंग में स्कैम को लेकर स्कैमर्स के मैसेज बहुत ही ऑफिशियल दिखाई देते हैं. इनमें नोटिस नंबर और जारी करने वाली अथॉरिटी जैसी जानकारी दी जाती है. लिंक पर क्लिक करने पर बैंक डिटेल्स और वाहन जानकारी मांगी जाती है.एक्सपर्ट्स का कहना है कि नगर परिषद कभी भी टेक्स्ट मैसेज के जरिए चालान नहीं भेजता है. असली चालान स्थानीय नगर परिषद हाई स्ट्रीट, या पार्किंग में गलत तरीके से गाड़ी खड़ी करने पर भेजा जाता है. इसके अलावा असली पेनाल्टी चार्ज नोटिस प्राइवेट पार्किंग कंपनियां या जमीन के मालिकों की तरफ से भेजा जाता है.
कैसे करें फर्जी नोटिस की पहचान?
स्कैमर्स अब क्यूआर कोड वाले फर्जी मैसेज और पार्किंग मशीन में स्कीमिंग डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि फर्जी मैसेज की पहचान के लिए भेजने वाले का नाम और नंबर ध्यान से देखें. लिंक में अजीब यूआरएल या स्पेलिंग की गलती हो तो सतर्क रहे. असली नोटिस में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, वायलेंस का समय और जगह स्पष्ट रूप से लिखी होती है. इन जानकारी में से कोई भी गायब हो तो समझ लें कि यह फर्जी है.
क्या करें अगर आपके पास भी आए पार्किंग स्कैम मैसेज?
अगर आपके पास भी इस तरह के फर्जी चालान के मैसेज आते हैं तो एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. इसके साथ ही अपनी बैंक या पर्सनल डिटेल स्कैमर्स को न दें. वही अगर आपको थोड़ा सा भी शक हो तो सीधे नगर परिषद से संपर्क करें या पार्किंग ऐप में लॉगिन करके जानकारी की जांच करें.
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