VIP Number Plate: आजकल बहुत से लोग अपनी गाड़ियों को भीड़ से अलग दिखाने के लिए खास नंबर प्लेट लेना चाहते हैं. जहां पहले फैंसी नंबर प्लेट के लिए सेलिब्रिटी सबसे आगे रहते थे, वहीं अब इन फैंसी नंबर प्लेट को आम लोग भी खरीदने लगे हैं. ऐसे में अगर आप भी अपनी कार या बाइक के लिए ऐसा नंबर लेना चाहते हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कार या बाइक के लिए आप वीआईपी नंबर कैसे ले सकते हैं और इसके लिए पूरा खर्च कितना आता है.
कैसे मिलता है वीआईपी नंबर और कितना आता है खर्च
राज्य परिवहन विभाग वीआईपी नंबर के लिए एक नीलामी प्रक्रिया चलाता है, जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकता है और अपने मनपसंद नंबर को चुनकर बोली लगा सकता है. नीलामी में जो व्यक्ति सबसे ज्यादा बोली लगता है, उसे वह नंबर अलॉट कर दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया परिवहन पोर्टल पर डिजिटल तरीके से होती है. वीआईपी नंबर लेने की फीस फिक्स नहीं होती है. कुछ वाहनों के लिए वीआईपी नंबर आपको सस्ते दामों में मिल जाते हैं, जबकि कुछ फेमस नंबर के लिए बोली लाखों तक पहुंच जाती है. आमतौर पर छोटे-मोटे वीआईपी नंबरों के लिए शुरुआती रेंज कुछ हजार रुपये से शुरू होती है. वहीं 1111, 7777, 0001 जैसे नंबरों के लिए बोली बहुत ज्यादा हो सकती है.
वीआईपी नंबर लेने की पूरी प्रक्रिया
- वेबसाइट पर करें रजिस्ट्रेशन- वीआईपी नंबर लेने के लिए सबसे पहले आपको परिवहन मंत्रालय की parivahan.gov.in/parivahan/ वेबसाइट पर जाना होगा. इसके बाद पब्लिक यूजर के रूप में आपको रजिस्टर्ड करना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जरूरत होती है. वहीं यहां ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद आपका अकाउंट एक्टिव हो जाता है.
- राज्य और वाहन की जानकारी भरें- वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर लॉगिन करने के बाद आपको अपना राज्य और वाहन की कैटेगरी जैसे बाइक, कार या कमर्शियल वाहन सेलेक्ट करना होगा.
- नंबर चुनें- वाहन की कैटेगरी भरने के बाद वेबसाइट पर आपको वीआईपी नंबरों की लिस्ट दिखाई देगी. इसमें से आप अपनी पसंद का नंबर सर्च करके सेलेक्ट कर सकते हैं.
- रजिस्ट्रेशन फीस- अपनी गाड़ी के लिए मनपसंद वीआईपी नंबर सेलेक्ट करने के बाद अब आपको रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होगी. वहीं फीस नंबर की लोकप्रियता के आधार पर अलग-अलग हो सकती है.
- ई ऑक्शन में लें भाग- गाड़ी के लिए वीआईपी नंबर का रजिस्ट्रेशन करने के बाद आप ऑक्शन में शामिल हो सकते हैं. इसमें अगर एक नंबर के लिए कहीं लोग बोली लगाते हैं तो सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को वह वीआईपी नंबर दिया जाता है.
- नंबर अलॉटमेंट- ऑक्शन जीतने के बाद वीआईपी नंबर के लिए आपको बाकी की फीस जमा करनी होती है. फीस जमा होने के बाद आप वेबसाइट से अलॉटमेंट लेटर डाउनलोड कर सकते हैं.
- आरटीओ पर लगवाएं नंबर- वीआईपी नंबर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप अलॉटमेंट लेटर लेकर लोकल आरटीओ ऑफिस में जाकर अपनी गाड़ी पर वह वीआईपी नंबर लगवा सकते हैं.
ये भी पढ़ें-दिल्ली में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की नहीं होगी जरूरत, अब व्हाट्सएप पर होंगे ये काम