भारतीय रेलवे के एसी कोच में सफर करने वाली यात्रियों को बुकिंग के साथ बेड रोल की सुविधा दी जाती है. इसमें दो चादर, एक तौलिया, तकिए का कवर और एक कंबल शामिल होता है. हालांकि कई बार यात्रियों की शिकायत रहती है कि अटेंडेंट गंदे या गीले बेडशीट और कंबल थमा देते हैं. यह पैक्ड लिफाफे में दिए जाते हैं इसीलिए पहली नजर में साफ लगते हैं. लेकिन खोलने पर असलियत सामने आती है. ऐसे में यात्री असमंजस में पड़ जाते हैं कि आखिर गंदे बेडशीट और कंबल को कैसे बदलवाया जाए. चलिए तो आज हम आपको बताएंगे की ट्रेन के एसी कोच में मिले यूज्ड बेडशीट और कंबल की शिकायत कहां कर सकते हैं.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा उनकी प्राथमिकता मानी जाती है. अगर किसी यात्री को गंदा या गिला बेडशीट मिलता है तो वह तुरंत बदला जा सकता है. इसके लिए यात्री को ज्यादा परेशानी उठाने की जरूरत नहीं होती है.
शिकायत कैसे करें
अगर आपके पास भी गंदा बेडशीट या कंबल आ गया है तो इसकी शिकायत करने के लिए सबसे पहले कोच अटेंडेंट को आप अपनी समस्या बताएं. अगर वह नए बेडशीट देने से मना करता है या बहाना बनाता है तो यात्री रेल मदद नंबर 139 पर कॉल कर सकते हैं. कॉल के दौरान तीसरे नंबर पर शिकायत का विकल्प मिलता है. खास बात यह है कि इसमें शिकायत टाइप करने की जरूरत नहीं है सिर्फ बोलकर ही दर्ज कराई जा सकती है. इसमें यात्री से पीएनआर नंबर मांगा जाता है अगर वह आपके पास उपलब्ध नहीं है तो ट्रेन नंबर बताने से भी शिकायत दर्ज हो जाती है. इसके अलावा रेल यात्री रेल मदद एप पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. यहां यात्रा की जानकारी दर्ज कराने के साथ गंदे बेडशीट या कंबल की फोटो भी अपलोड की जाती है. वहीं रेलवे के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी शिकायत की जा सकती है.
कितनी जल्दी होती है कार्रवाई
आपकी शिकायत पहले कंट्रोल रूम से संबंधित जोन और डिवीजन तक पहुंचाई जाती है. अगर समस्या ट्रेन में ही सुलझाई जा सकती है तो तुरंत कार्रवाई होती है. चादर और कंबल बदलवाने जैसे शिकायतों का समाधान आमतौर पर मिनटों में ही हो जाता है. वहीं अगर किसी शिकायत पर 2 घंटे के भीतर तक कार्रवाई नहीं होती है तो वह सीधी रेलवे मंत्रालय तक पहुंच जाती है. ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी को जवाब देना पड़ता है. यही कारण है कि कर्मचारी की ओर से लापरवाही की संभावना कम रहती है. इसके लिए मंत्रालय यात्रियों से कई बार रेंडम फीडबैक भी लेता है.
बैडशीट और कंबल की धुलाई कब होती है
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार चादर, तकिया और तौलिया हर बार इस्तेमाल के बाद धाेएं जाते हैं. इसके लिए देशभर में 40 डिपार्टमेंटल लॉन्ड्री और 25 बोट लॉन्ड्री बनाई गई है. हालांकि कंबलों की धुलाई महीने में सिर्फ एक बार की जाती है. कई बार स्थिति के अनुसार यह दो बार भी धोएं जाते हैं.
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