बड़े शहरों में ट्रैफिक सिग्नल खराब होने की वजह से अक्सर कई लोगों को परेशानियों झेलनी पड़ती है. खासकर दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा जैसे शहरों में ट्रैफिक सिग्नल खराब होने से जाम और हादसों जैसी स्थिति बन जाती है. ऐसे में दिल्ली में ट्रैफिक सिग्नल खराब होने की वजह से होने वाले हादसों को रोकने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस एक बड़ा कदम उठा रही है. जल्द ही दिल्ली पुलिस ट्रैफिक प्रहरी ऐप में एक नया फीचर जोड़ सकती है.  जिसके जरिए आम लोग खराब ट्रैफिक सिग्नल की शिकायत तुरंत कर पाएंगे. इस फीचर के माध्यम से सिग्नल की खराबी की जानकारी सीधी पुलिस के पास पहुंचेगी, जिससे मरम्मत का काम तेजी से हो पाएगा और सड़कों पर लगने वाला जाम और दुर्घटनाओं में कमी आएगी.

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ट्रैफिक सिग्नल की यूनिक आईडी के माध्यम से करें शिकायत

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल्स पर यूनिक आईडी दी है. यह आईडी नंबर सीधे सिग्नल पोल पर लिखा होता है. जिससे किसी भी वाहन चालक को खराब सिग्नल की पहचान करने में आसानी होती है. ऐसे में अगर आपके इलाके का ट्रैफिक सिग्नल काम करना बंद कर देता है तो आपको बस पोल पर लिखी आईडी नॉट करनी होगी.  इसके बाद सीधे ट्रैफिक कंट्रोल रूम के नंबर 1095 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराई जा सकती है शिकायत दर्ज होते ही ट्रैफिक पुलिस संबंधित एजेंसी से संपर्क कर सिग्नल को जल्द से जल्द सही  कराती है. 

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ट्रैफिक प्रहरी ऐप से भी मिलेगी मदद

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अपने ट्रैफिक प्रहरी ऐप में एक नया फीचर जोड़ने पर विचार कर रही है. इसके जरिए आम लोग न केवल ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की जानकारी साझा कर पाएंगे बल्कि खराब ट्रैफिक सिग्नलों की भी शिकायत सीधे सिस्टम में डाल पाएंगे. अधिकारियों का मानना है कि इसे मरम्मत प्रक्रिया तेज होगी और लंबे समय में सिग्नलों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी.

कैसे करें शिकायत?

अगर आपके इलाके का सिग्नल खराब है तो नया फीचर आने के बाद आप कुछ ही क्लिक में फोटो और लोकेशन शेयर कर पाएंगे. जिससे आपकी शिकायत सीधे ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम तक पहुंचेगी और वहां से तुरंत मेंटेनेंस टीम भेजी जाएगी. वहीं अभी तक खराब सिग्नल की शिकायतों के लिए अलग-अलग रास्ते भी अपनाए जाते थे. अब तक शिकायतों के लिए  कई बार हेल्पलाइन नंबर पर कॉल  तो कभी सोशल मीडिया पर पोस्ट या फिर पेट्रोलिंग टीम से शिकायत की जाती है. इस वजह से रिपेयर का काम लेट हो जाता है और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है.

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