आमतौर पर देखा जाता है कि लोग अपने घरों के आसपास या उनके गली-मोहल्ले में रहने वाले आवारा पशुओं को खाना खिलाने लगते हैं. मानवता के लिहाज से यह सही भी है, क्योंकि जो जानवर लोगों ने घरों में पाले होते हैं, उनको तो खाना-पानी मिलता रहता है. लेकिन जो जानवर सड़कों पर आवारा घूमते रहते हैं, वो लोगों की दया पर ही आश्रित होते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि आवारा जानवरों को खाना खिलाना कितना बड़ा जुर्म है और क्या इस मामले में सजा भी हो सकती है, चलिए इस बारे में जानें.

आवारा जानवरों का आतंक बड़ी समस्या

वैसे तो भारत में आवारा पशुओं को खाना खिलाना दयालु कार्य माना जाता है. भारत में आवारा जानवरों को खाना खिलाने पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था. दरअसल एक शख्स ने याचिका दायर की थी कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की वजह से उसे परेशान किया जा रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप अपने घरों में इन कुत्तों को खाना क्यों नहीं खिलाते हैं. दरअसल देश के कई हिस्सों में आवारा कुत्तों और जानवरों का आतंक एक बड़ी समस्या बन चुका है और लोगों पर उनके द्वारा आए दिन हमले की खबरें आती रहती हैं. 

घर में शेल्टर बनाकर आवारा जानवरों को खाना खिलाएं

याचिकाकर्ता की उस बात पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा था कि क्या हमे हर गली और सड़क को इन बड़े दिलवाले लोगों के लिए खुला छोड़ देना चाहिए? क्या सारी जगह सिर्फ जानवरों के लिए ही है, इंसानों के लिए कोई जगह नहीं है? आप अपने घरों में इन कुत्तों को खाना खिलाइए, आपको कोई नहीं रोक रहा है. कोर्ट का कहना था कि आप अपने घर में एक शेल्टर खोल लें और सभी आवारा कुत्तों को खाना वहीं पर खिलाएं. 

आवारा पशुओं द्वारा हमला

वैसे तो भारत में आवारा कुत्तों को खाना खिलाना कानूनी है, लेकिन अगर आवारा जानवरों को खाना खिलाने से सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा या असुरक्षा है, तो फिर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. जो लोगो आवारा जानवरों को खाना खिलाते हैं, उनको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे सार्वजनिक रूप से कोई खतरा न हो. आवारा जानवरों को खाना खिलाने पर इसलिए विरोध किया जाता है, क्योंकि अक्सर उनके द्वारा हमला करने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. इसमें लोगों की जान जाती है, साथ ही साथ पैदल चलने वालों को भी खतरा होता है.

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