भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजारने वाले करोड़ों लोगों के लिए सरकार सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराती है. इसके लिए नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत गरीब परिवारों को राशन कार्ड जारी किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी इस योजना का फायदा उठा रहे हैं जो पात्रता की श्रेणी में आते ही नहीं. इनमें कई ऐसे परिवार भी शामिल है जिनकी सालाना आय लाखों में है. फिर भी वह सस्ते और मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं. अब सरकार ने ऐसे फर्जी लाभकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
सरकार का सख्त रुख
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से साफ किया गया है कि जो लोग अपात्र होने के बावजूद राशन कार्ड का उपयोग कर रहे हैं उनसे अब वसूली की जाएगी. सरकार ने गिव अप अभियान चला कर लोगों से अपील की है कि जो परिवार पात्रता की शर्तें पूरी नहीं करते वह स्वेच्छा से राशन कार्ड सरेंडर कर दें. तय समय सीमा के बाद जिनके कार्ड फर्जी पाए जाएंगे उनसे कड़ा हर्जाना भी वसूल जाएगा.
कैसे होगी वसूली
प्रशासन की ओर से साफ किया गया है कि अपात्र पाए जाने वाले परिवारों से उतने किलो राशन की कीमत वसूली जाएगी जितना उन्होंने अब तक लिया है. उदाहरण के लिए अगर किसी परिवार ने 100 किलो गेहूं, चावल या चीनी उठाई है तो उसकी वसूली 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से की जाएगी. यानी जितना लाभ लिया गया है उतना ही पैसा सरकार को लौटाना पड़ेगा. इसके साथ ही भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.
कौन नहीं है पात्र
सरकार ने शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए राशन का लाभ उठाने के लिए अलग-अलग पात्रता तय की है.
- शहरी क्षेत्र-जिन परिवारों की सालाना आय एक लाख रुपए से ज्यादा है. जिनके पास पक्के मकान, चार पहिया वाहन, एक फ्रिज या बड़ा जनरेटर है उन्हें इसका पात्र नहीं माना जाएगा.
- ग्रामीण क्षेत्र- जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि योग्य जमीन है, ट्रैक्टर या हार्वेस्टर जैसे वाहन है या परिवार की सालाना आय 2 लाख से ज्यादा है वे भी योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं.
सरकार की चेतावनी
अगर अपात्र लोगों ने समय पर अपना राशन कार्ड सेरेंडर नहीं किया तो न सिर्फ उनसे वसूली की जाएगी बल्कि उनका कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा और जुर्माना भी लगेगा. गंभीर मामलों में जेल तक की सजा हो सकती है.
लोगों से अपील
सरकार की मंशा साफ है की योजना का लाभ सिर्फ उन तक पहुंचे जिन्हें इसकी जरूरत है. ऐसे में जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत है और जो पात्रता की शर्तें पूरी नहीं करते उन्हें खुद ही राशन कार्ड सरेंडर कर देना चाहिए. वरना बाद में भारी भरकम वसूली और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
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