भारत सरकार गरीब और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए मुफ्त राशन योजना चलाती है. इसके तहत पात्र लोगों को अनाज और जरूरी सामान मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को सहारा देना है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और जिनके पास दो वक्त की रोटी जुटाने तक के पैसे नहीं होते हैं.
हालांकि, सरकार ने इस योजना को लेकर कुछ नियम भी तय किए हैं, जिसके तहत जो लोग इस योजना के पात्र हैं, सिर्फ उनको ही मुफ्त में राशन मिलेगा. अगर किसी की आय लाखों में है और वह फर्जी तरीके से पांच साल से राशन ले रहा है, तो चलिए जानें कि उसको कितना जुर्माना देना पड़ेगा.
किन लोगों नहीं मिल सकता सरकारी राशन
सरकार ने जरूरतमंदों को राशन बांटने के लिए कुछ नियम तय किए हैं, जैसे कि सरकारी नौकरी करने वाले लोग इस योजना में शामिल नहीं होंगे. इसके अलावा जिन लोगों के पास चार पहिया वाहन है या फिर जो इनकम टैक्स भरते हैं, उन्हें भी फ्री राशन का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार का तर्क है कि जिनकी सालाना आय लाखों में है या जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उन्हें इस योजना की जरूरत नहीं है. मुफ्त राशन केवल उन्हीं गरीब परिवारों को दिया जाएगा, जो वास्तव में इसके हकदार हैं और जिनकी आमदनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए भी नाकाफी है.
क्या होगा अगर कोई फर्जी तरीके से राशन ले?
लेकिन अगर कोई व्यक्ति सरकारी स्कीम का फायदा गलत तरीके से उठाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. दरअसल, सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ते दामों पर राशन देती है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति असली हकदार न होते हुए भी फर्जी दस्तावेज या गलत जानकारी देकर राशन लेता है, तो यह गैरकानूनी माना जाता है.
कितना देना होगा जुर्माना?
ऐसे मामलों में पकड़े जाने पर न सिर्फ जुर्माना देना पड़ सकता है बल्कि सजा का भी प्रावधान तय है. इस दौरान जितना राशन गलत तरीके से लिया गया है, सरकार उसके बराबर रकम वापस वसूल कर सकती है. अगर कोई लंबे समय से इस तरह का फायदा ले रहा है, तो उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यानी, फर्जी तरीके से सस्ता राशन लेना जेब तो खाली करवा ही सकता है, साथ ही जेल की हवा भी खिलवा सकता है.
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