देश में रोजाना कई करोड़ मुसाफिर ट्रेन से सफर करते हैं. ट्रेन से सफर करते समय कई बार ऐसा होता है कि ग्रुप में टिकट बुक कराने पर सभी के टिकट कंफर्म नहीं होते. जैसे चार लोगों ने टिकट लिया और सिर्फ तीन के कंफर्म हो गए. एक वेटिंग में रह गया. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या वेटिंग टिकट वाला भी उसी ट्रेन में सफर कर सकता है.

बहुत से यात्री ऐसी सिचुएशन में समझ नहीं पाते हैं कि क्या करना है. सही नियम न जानने के कारण परेशानी झेलनी पड़ जाती हैं. इसके लिए रेलवे ने कुछ नियम तय किए हैं. जिन्हें समझना जरूरी है. चलिए आपको बताते हैं ऐसे मौके पर कैसे किया जा सकेगा सफर. 

वेटिंग वाला पैसेंजर कैसे कर सकेगा सफर?

ट्रेन में वेटिंग टिकट होने पर सफर करना आसान नहीं होता. अगर आपके ग्रुप में बाकी टिकट कंफर्म हैं और एक टिकट वेटिंग में है. तो वह पैसेंजर बाकी के साथ रिजर्व कोच में नहीं बैठ सकता. इसके लिए पहले उसे टीटीई से बात करनी होगी. टीटीई अगर किसी सीट खाली होने की पुष्टि करता है या कंफर्म टिकट वाले यात्री की अनुमति से एडजस्ट करता है.

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तो सफर किया जा सकता है. लेकिन बिना कंफर्म सीट के रिजर्व डिब्बे में बैठना नियम के खिलाफ है. ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. ऐसे में वेटिंग पैसेंजर को या तो जनरल कोच में यात्रा करनी होगी या फिर ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट अपग्रेड कराने की कोशिश करनी चाहिए.

टिकट कैंसिल नहीं होगी? 

अगर आपने ऑनलाइन 4 लोगों का टिकट एक ही PNR पर बुक किया और चार्ट बनने के बाद 3 लोगों के टिकट कंफर्म हो गए लेकिन एक का टिकट वेटिंग में रह गया. तो PNR कैंसिल नहीं होता. हालांकि वेटिंग पैसेंजर को लेकिन बाकी 3 कंफर्म टिकट वाले पैसेंजर के साथ सफर करने की अनुमति नहीं होगी.

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वह चाहे तो अपनी टिकट कैंसिल करके रिफंड ले सकता है. अगर यही टिकट काउंटर से बुक किया गया हो तो वेटिंग टिकट का रिफंड लेने के लिए आपको स्टेशन जाकर कैंसिलेशन प्रोसेस पूरी करनी होगी. बता दें इस तरह की वेंटिग टिकट पर या जनरल कोच में सफर किया जा सकता है. या टीटीई से मिलकर खाली सीट अलाॅट करवा सकते हैं. 

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