Investment Tips: आज के दौर में हर कोई अपनी कमाई का कुछ हिस्सा निवेश करने की कोशिश करता है. जिससे भविष्य में आर्थिक सुरक्षा बनी रहे. मार्केट में कई तरह के इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं. लेकिन ज्यादातर लोग ऐसे ऑप्शन चुनते हैं. जिनमें रिस्क कम और रिटर्न फिक्स हो. इसी वजह से बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट में काफी निवेश किया जाता है.
इन दोनों ही में निवेशक को गारंटीड मुनाफा मिलता है और पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहती है. फर्क बस इतना है कि FD में आप एक बार में बड़ी रकम जमा करते हैं जबकि RD में हर महीने तय राशि बचत के रूप में डालते हैं. अब सवाल यह है कि इन दोनों में से कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर रहेगा. चलिए इसे समझते हैं.
FD में क्या हैं फायदे?
FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा निवेश तरीका है. जिसमें आप एकमुश्त रकम बैंक में जमा करते हैं और तय समय तक उसे वहीं रहने देते हैं. बैंक उस पर निश्चित ब्याज देता है, जिससे आपको मैच्योरिटी पर पूंजी के साथ तय रिटर्न मिलता है. इसकी अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक होती है.
और इसे कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है. FD की खासियत है कि इसमें ब्याज दर पहले से तय होती है और रकं सुरक्षित रहती है. यही वजह है कि इसे ज्यादातर लोग अपनी सेविंग के लिए चुनते हैं. इसके अलावा टैक्स सेविंग के लिए 5 साल की FD भी एक अच्छा ऑप्श है. हालांकि जरूरत से पहले FD तोड़ने पर पेनल्टी लग सकती है.
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RD में निवेश क्यों अच्छा?
RD उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है जो हर महीने छोटी-छोटी बचत से बड़ा फंड बनाना चाहते हैं. इसमें निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि बैंक में जमा करता है. जिस पर बैंक तय ब्याज देता है. स्कीम पूरी होने पर जमा पूंजी और ब्याज दोनों एक साथ मिलते हैं. .
इसकी टाइम लिनिट 6 महीने से लेकर 10 साल तक होती है और ब्याज दर लगभग FD जितनी ही होती है. RD खासतौर पर सैलरी वालों के लिए सही रहती है जो एक बार में बड़ी रकम नहीं लगा सकते. यह डिसिप्लिन के साथ सेविंग की आदत डालती है. हालांकि RD को मैच्योरिटी से पहले बंद करने पर ब्याज घट सकता है और थोड़ी पेनल्टी भी लगती है.
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कौन सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर?
अगर आपके पास पहले से एक बड़ी रकम है और आप उसे लंबे समय के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं. तो FD सही विकल्प है. इसमें ब्याज दर थोड़ी अधिक होती है और पूंजी एक बार में लॉक हो जाती है. वहीं अगर आपकी इनक हर महीने आती है और आप धीरे-धीरे बचत बढ़ाना चाहते हैं. तो RD आपके लिए बेहतर है.
यह रेगुलर निवेश का एक आसान तरीका है और लक्ष्य आधारित सेविंग के लिए उपयुक्त रहती है. दोनों ही स्कीम्स सुरक्षित हैं और तय रिटर्न देती हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि FD में निवेश एक बार में होता है. वहीं RD में हर महीने. इसलिए अपने बजट और फाइनेंशिय गोल के हिसाब से देख लें कौन सी योजना आपके लिए फायदेमंद है.
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