कश्मीर घाटी में लॉजिस्टिक और आर्थिक विकास का नया अध्याय शुरू हो गया है. वहीं, भारतीय रेलवे ने घाटी में एक और नई उपलब्धि हासिल कर ली है. दरअसल, पहली बार कोई मालगाड़ी कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक सफलतापूर्वक पहुंची है. पंजाब के रूपनगर से रवाना हुई यह मालगाड़ी सीमेंट से लदी हुई थी और घाटी में इसके आगमन ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स और आर्थिक विकास की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है. 

कब चली थी यह मालगाड़ी?

यह मालगाड़ी गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड (GACL) रूपनगर से 8 अगस्त की शाम 6 बजकर 55 मिनट पर रवाना हुई थी. 600 किलोमीटर की यात्रा सिर्फ 18 घंटे से भी कम समय में पूरी करते हुए यह मालगाड़ी अनंतनाग गुड्स शेड पर पहुंची. इस रैक में 21 बीसीएन वैगनों में लगभग 1400 टन सीमेंट लदा था.

कहां इस्तेमाल होगा यह सीमेंट?

रेलवे के मुताबिक, यह सीमेंट कश्मीर घाटी में चल रही बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे सड़कों, पुलों, सार्वजनिक इमारतों और आवासीय परियोजनाओं में इस्तेमाल होगा. एक अनुमान के मुताबिक, इस सीमेंट से 15 इंच चौड़ी और 5 फीट ऊंची लगभग 42 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जा सकता है. इस मालगाड़ी को रेलवे के मॉडर्न इलेक्ट्रिक इंजन WAG-9 (लोको संख्या 32177, TKD) ने खींचा था. पूरे ऑपरेशन को सटीक योजना और तेज कार्यान्वयन के साथ अंजाम दिया गया. 

रेलवे ने रिकॉर्ड टाइम में निपटाया काम

7 अगस्त को रात 11:14 बजे उत्तर रेलवे को इंडेंट मिला और सिर्फ एक दिन के अंदर ही यानी 8 अगस्त को सुबह 9:40 बजे मालगाड़ी के लिए रैक की व्यवस्था कर दी गई. वहीं, उसी दिन शाम 6:10 बजे तक लदान का काम पूरा कर लिया गया और ट्रेन रवाना हो गई.

कश्मीर घाटी के डिवेलपमेंट में आएगी तेजी

स्थानीय प्रशासन ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को घाटी में आर्थिक गति और विकास का एक नया आयाम माना है, क्योंकि इससे न सिर्फ निर्माण कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि कश्मीर को राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ने में भी मदद मिलेगी. साथ ही, यह पहल न केवल लॉजिस्टिक सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार, निर्माण लागत में कमी और क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा.

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