Fastag KYC: देश में हर दिन लाखों वाहन हाईवे पर दौड़ते हैं और ज्यादातर वाहन फास्टैग के जरिए टोल टैक्स चुकाते हैं. फास्टैग ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को आसान बना दिया है. लेकिन कई लोग इसकी KYC को लेकर लापरवाह रहते हैं. फास्टैग KYC यानी Know Your Customer एक जरूरी प्रोसेस है. जो आपके फास्टैग को वैलिड और एक्टिव रखती है.

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अगर यह पूरी नहीं हुई तो आपका फास्टैग ब्लॉक हो सकता है और टोल प्लाज़ा पर बैरियर नहीं खुलेगा. इसका मतलब है कि आपको रोक लिया जाएगा और मैन्युअल भुगतान करना पड़ेगा. इसलिए अगर आपने अभी तक KYC नहीं कराई है. तो तुरंत इसे पूरा करें. यह प्रोसेस बेहद आसान है और कुछ मिनटों में ऑनलाइन पूरी की जा सकती है.

फास्टैग की KYC क्यों जरूरी है?

KYC का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि फास्टैग असली मालिक के नाम पर जारी हुआ है और उसका इस्तेमाल किसी गलत मकसद से नहीं किया जा रहा. रिजर्व बैंक और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI ने फास्टैग जारी करने वाले सभी बैंकों और वॉलेट कंपनियों को निर्देश दिया है कि हर यूजर की KYCअपडेट हो. बिना KYC वाला फास्टैग लिमिटेड यूज माना जाता है. यानी आप इसमें एक लिमिट तक ही राशि ही रख सकते हैं.

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और एक तय लिमिट के बाद यह अपने-आप ब्लॉक हो जाएगा. कई मामलों में देखा गया है कि यूजर का बैलेंस मौजूद होने के बावजूद ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है. जिसकी वजह KYC न होना होती है. इससे टोल प्लाजा पर लंबी कतारें लग जाती हैं और सफर में देरी होती है. इसलिए अगर आप रेगुलर तौर पर हाईवे पर सफर करते हैं. तो KYC को अपडेट रखना बेहद जरूरी है.

KYC कराने की आसान प्रोसेस

फास्टैग की KYC ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है. ऑनलाइन करने के लिए सबसे पहले उस बैंक या वॉलेट की वेबसाइट या ऐप पर जाएँ जहाँ से आपने फास्टैग लिया था. वहां ‘फास्टैग सर्विसेज’ में KYC अपडेट का ऑप्शन चुनें. अब लॉगिन करें और आधार कार्ड, पैन कार्ड, और गाड़ी की RC अपलोड करें.

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सबमिट करने के बाद कुछ घंटों में आपके मोबाइल पर अपडेट का मैसेज आ जाएगा. अगर आप ऑफलाइन करना चाहते है.  तो नजदीकी बैंक शाखा या फास्टैग सेंटर पर जाकर डाॅक्यूमेंट जमा करने होंगे. ध्यान रखें कि आपके फास्टैग से जुड़ा मोबाइल नंबर चालू हो. क्योंकि उसी पर OTP आता है. KYC पूरी होने के बाद आपका फास्टैग हमेशा एक्टिव रहेगा और टोल पर कभी फंसेगा नहीं.

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