आप अक्सर टीवी में आने वाले डेली सोप्स में सास-बहू की लड़ाई देखते होंगे, जिसमें सास चाल पर चाल चलती जाती है और बहु को परेशान करती है. असल जिंदगी में भी कई बार ऐसा होता है, जहां सास-ससुर या किसी तीसरे पक्ष के कारण पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ जाती है. मामला इस हद तक बढ़ जाता है कि तलाक तक की नौबत आ जाती है. 

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हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा. जी हां, अब अगर कोई सास या तीसरा पक्ष अपनी बहू को परेशान करेगा या उसके बेटे और बहू में लड़ाई करने की कोशिश करता है तो उनके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है. इतना ही नहीं इसके अलावा ससुराल के बाकी लोग जैसे ससुर के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस प्रावधान के बारे में.

सास पर कब होगा केस दर्ज

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दिल्ली हाईकोर्ट एक मामले में जल्द ही बड़ा फैसला सुनने वाला है. यह फैसला शादीशुदा महिलाओं के पक्ष में साबित हो सकता है. कोर्ट के अनुसार, सास-ससुर या अन्य किसी तीसरे व्यक्ति ने अगर पति-पत्नी के बीच लड़ाई कराने या फिर मतभेद बढ़ाने की कोशिश की, जिससे उनकी शादी टूटने या रिश्ता खत्म होने तक की नौबत आती है तो उसके खिलाफ केस किया जा सकता है. कोर्ट के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी मैरिड कपल के बीच प्रेम खत्म करने या स्नेह को ठेस पहुंचाने की कोशिश करता है तो पति पत्नी को उसके खिलाफ स्नेह विमुखता (एओए) का मामला दर्ज कराने का अधिकार रखते हैं. 

क्या होगी सजा

जिस व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया अगर उसके खिलाफ विवाहित जोड़े के बीच दूरियां पैदा करने और स्नेह खत्म करने के आरोप सच साबित हो जाते हैं तो उसे दुरंत सजा दी जाएगी. सजा के तौर पर उसे पति-पत्नी के बीच हस्तक्षेप करने के लिए मुआवजा देना होगा. फिर चाहे वह इंसान कोई भी हो. ऐसे में बहू अब अपनी सास या ससुर के खिलाफ लड़ाई करवाने और षडयंत्र करने के लिए कैसे दर्ज करा सकती है.

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