देश में लंबे समय से जिस जनगणना और जातिगत जनगणना का इंतजार हो रहा था वह अब खत्म होने वाला है. जनगणना की प्रक्रिया कब से शुरू होगी इसकी घोषणा कर दी गई है. केंद्र सरकार की तरफ से जनगणना और जातिगत जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 से गणना शुरू करने का कार्यक्रम निर्धारित किया है. सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली है. हालांकि पूरे देश में  1 मार्च 2027 से नहीं शुरू होगी. पर्वतीय और विशेष भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य जैसे कि जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तराखंड में इसको पहले शुरू करवाने की तैयारी है. चलिए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है कि इन राज्यों में पहले क्यों शुरू होगी जनगणना. 

पहले क्यों शुरू होगी जनगणना

जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तराखंड इन चार राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों में मौसम की कठिनाइयों और दुर्गम क्षेत्रों को देखते हुए पहले जनगणना करवाने का निर्णय लिया गया है. इन राज्यों में जनगणना की प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 से शुरू हो जाएगी. पीआईबी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि साल 2011 में जब आखिरी बार जनगणना हुई थी तब भी इन राज्यों में जनगणना 11 से 30 सितंबर 2010 के बीच कराई गई थी, जिसका संदर्भ समय 1 अक्टूबर 2010 की मध्यरात्रि था. 

क्या खास है इस बार की जगणना में

इस बार जो जनगणना होगी वह बाकी जनगणना से अलग होने वाली है. इस बार काफी समय से जिस जाति आधारित जनगणना की मांग की जा रही थी उसको लागू किया गया है. पिछले कुछ समय से विपक्षी दल जाति जनगणना की मांग कर रहे थे जिसको इस बार अप्रैल में केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी दे दी गई. इससे पहले जितने भी जनगणना होते थे उसमें केवल धर्म और वर्ग के बारे में पूछा जाता था. इसके अलावा जनरल, ओबीसी, एससी और एसटी की गणना की जाती थी. इस बार जनगणना में डिजिटल तरीके से आंकड़े जुटाए जाएंगे, इसके लिए खास तरह का पोर्टल बनाया गया है. 

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