Car Safety Tips: आज के दौर में लगभग हर परिवार के पास कार होती है. रोज़मर्रा के कामों से लेकर लंबे सफर तक यह हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है. एक तय समय बाद जब फिक्सड दूरी तक कार चल जाती है. तब उसकी सर्विस करवानी होती है. लेकिन जब कार 1.20 लाख किलोमीटर चल चुकी हो. इस माइलेज पर कई पार्ट्स अपनी लाइफ पूरी कर चुके होते हैं और सिर्फ सर्विस से काम नहीं चलता. 

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इंजन से लेकर ब्रेक और सस्पेंशन तक हर हिस्से पर लगातार दबाव पड़ता है. अगर इनकी समय पर जांच और रिप्लेसमेंट नहीं की गई. तो कार की परफॉर्मेंस गिरने लगती है, माइलेज घटता है और ब्रेकडाउन का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि इस स्टेज पर उन पार्ट्स पर खास ध्यान दिया जाए जिनका बदलना अब बेहद जरूरी है. चलिए आपको बताते हैं इतना चलने के बाद किन पार्ट्स को बदलना है जरूरी. 

इंजन, बेल्ट और ब्रेक सिस्टम की जांच जरूरी

कार के 1.20 लाख किलोमीटर के बाद सबसे पहले इंजन की हालत पर ध्यान दें. इंजन ऑयल, ऑयल फिल्टर और एयर फिल्टर को चेंज करवाएं क्योंकि इतना चलने के बाद यह असरदार नहीं रहते. टाइमिंग बेल्ट और फैन बेल्ट को भी चेक करवा लेना चाहिए. क्योंकि इनके टूटने से इंजन को भारी नुकसान हो सकता है. इसी तरह ब्रेक पैड और डिस्क भी अब तक घिस चुके होते हैं. जिससे ब्रेकिंग कमजोर हो जाती है. 

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तो इसके अलावा क्लच प्लेट भी स्लिप करने लगती है, इसलिए इसे भी अच्छे से चेक करवाना जरूरी है. अगर कार पेट्रोल है. तो स्पार्क प्लग भी रिप्लेस करवा लें. जिससे पिकअप और माइलेज दोनों अच्छे से बरकरार रहें. यह छोटे-छोटे बदलाव गाड़ी की पूरी परफॉर्मेंस को फिर से रिफ्रेश कर देते हैं.

सस्पेंशन, टायर और बैटरी का रिप्लेसमेंट करें

कार के इतना चलने के बाद सस्पेंशन सिस्टम में ढीलापन आना आम बात है. गाड़ी झटके देने लगती है और राइड कम्फर्ट घट जाता है. इसलिए शॉक एब्जॉर्बर और बुशिंग्स को भी चेंज बेहतर रहता है. टायर की ग्रिप और ट्रेड डेप्थ चेक करें.

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अगर वह घिस चुके हैं या क्रैक दिख रहे हैं. तो तुरंत नए टायर लगवाएं. बैटरी की क्षमता भी अब कम होने लगती है, इसलिए उसे टेस्ट करवाएं या जरूरत हो तो रिप्लेस करें. इसके साथ ही कूलेंट, ब्रेक फ्लूइड और ट्रांसमिशन ऑयल को भी बदलवाएं जिससे गाड़ी की परफॉर्मेंस और लाइफ दोनों बनी रहें. 

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