Car Insurance Rules: नई कार की डिलीवरी का दिन हर ग्राहक के लिए खास होता है. लेकिन अगर इसी दौरान कोई हादसा हो जाए तो परेशानी भी उतनी ही बढ़ जाती है. इस दौरान सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी स्थिति में नुकसान की भरपाई कौन करेगा और क्या इंश्योरेंस तुरंत काम आएगा? या जेब से लगाने पड़ जाएंगे पैसे.

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हाल ही में दिल्ली के निर्माण विहार में ऐसी ही घटना हुई जब एक नई महिंद्रा थार की डिलीवरी के वक्त कार पहली मंजिल से नीचे गिर गई. इसी वजह से यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है कि अगर शोरूम से कार निकालते ही उसका एक्सीडेंट हो जाए. तो ऐसे में उसकी भरपाई कौन करेगा? जान लीजिए इसे लेकर क्या हैं नियम.  

कौन करेगा ऐसे केस में भरपाई? 

अगर कोई शख्स शोरूम से नई कार लेकर निकलता है और तुरंत उसका एक्सीडेंट हो जाता है. तो सबसे पहले सवाल उठता है कि भरपाई कौन करेगा. कानून के हिसाब से जैसे ही गाड़ी की डिलीवरी पूरी होती है यानी आरसी, इंश्योरेंस और चाबी ग्राहक को मिल जाती है. तो जिम्मेदारी उसी पर आ जाती है. अगर उस समय गाड़ी का इंश्योरेंस एक्टिव है तो नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करती है और ग्राहक क्लेम दाखिल कर सकता है. 

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लेकिन अगर रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट्स तैयार नहीं हुए हैं और डिलीवरी अधूरी है. तो जिम्मेदारी शोरूम या डीलर की बनती है. यही वजह है कि डीलर्स आम तौर पर डिलीवरी से पहले ही वाहन का इंश्योरेंस करा देते हैं. ताकि ऐसी स्थिति में ग्राहक को परेशानी का सामना न करना पड़े. 

कैसे मिलता है क्लेम? 

नई कार का इंश्योरेंस ज़्यादातर शोरूम डिलीवरी से पहले ही एक्टिव कर देता है. इसलिए अगर शोरूम से निकलते ही एक्सीडेंट हो जाए तो क्लेम मिलता है. इसके लिए सबसे जरूरी है हादसे की जानकारी तुरंत इंश्योरेंस कंपनी को देना. ज़रूरत पड़े तो पुलिस रिपोर्ट भी करानी होती है और साथ में कार के नुकसान की तस्वीरें और ज़रूरी कागज़ात संभालकर रखने होते हैं. 

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इंश्योरेंस कंपनी सर्वेयर भेजती है जो डैमेज का आंकलन करता है और फिर क्लेम प्रोसेस शुरू होता है. इस दौरान अगर आप सभी डॉक्यूमेंट्स और सही जानकारी समय पर उपलब्ध करा देते हैं, तो क्लेम आसानी से अप्रूव हो जाता है. यही वजह है कि डिलीवरी से पहले ही इंश्योरेंस एक्टिव रहना ग्राहक के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है.

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