अगर आप हिप या नी ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज से परेशान हैं और खर्च के कारण ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे हैं, तो अब राहत की बड़ी खबर सामने आई है. बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में अब यह सर्जरी गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए बिल्कुल मुफ्त की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय गरीबों तक बेहतर इलाज पहुंचाने के मकसद से लिया है.

क्या है योजना?

PMCH में ऐसे मरीज जो बीपीएल कार्डधारी हैं या जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है, उन्हें हिप और नी ट्रांसप्लांट पर सरकार की ओर से 1 लाख से 1.6 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है. यह सहायता राशि सीधे अस्पताल के माध्यम से मरीजों के इलाज पर खर्च होती है, जिससे उन्हें जेब से कोई पैसा नहीं देना पड़ता.

क्यों जरूरी है जागरूकता?

भले ही यह योजना सालों से लागू हो, लेकिन जानकारी के अभाव में आज भी बहुत सारे मरीज इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. कई मरीजों को तो पता ही नहीं है कि PMCH जैसे बड़े अस्पताल में हड्डी रोग विभाग द्वारा यह ट्रांसप्लांट मुफ्त में किया जा रहा है. कई बार जानकारी होने के बावजूद मरीज ऑपरेशन से डर जाते हैं.

इस समस्या को ध्यान में रखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है. अस्पताल परिसर और OPD में होर्डिंग्स लगाकर योजना का प्रचार किया जाएगा. इसके अलावा एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर मरीज कॉल कर जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

PMCH में कब से हो रहा है ट्रांसप्लांट?

PMCH में हड्डी रोग विभाग द्वारा वर्ष 2009 से ही हिप और नी ट्रांसप्लांट की सुविधा दी जा रही है. यहां सरकारी स्तर पर प्रशिक्षित डॉक्टर्स द्वारा यह सर्जरी की जाती है, जिसकी गुणवत्ता किसी भी बड़े निजी अस्पताल से कम नहीं मानी जाती.

कितना खर्च आता है निजी अस्पतालों में?

अगर कोई मरीज यही सर्जरी किसी प्राइवेट अस्पताल में करवाए, तो उसे 5 से 6 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. लेकिन PMCH में यह सुविधा न केवल मुफ्त है, बल्कि सरकार इसके लिए पूरी आर्थिक मदद भी करती है.

बदले हुए जोड़ की लाइफ कितनी?

जानकार डॉक्टरों के अनुसार, अगर ऑपरेशन सही तरीके से किया जाए और मरीज निर्देशों का पालन करे, तो बदला हुआ जोड़ 25 साल से ज्यादा चल सकता है. यानी एक बार ट्रांसप्लांट कराने के बाद मरीज बिना दर्द और तकलीफ के एक लंबा जीवन जी सकता है. बिहार के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि इस योजना की ज्यादा से ज्यादा जानकारी आम लोगों तक पहुंचे. अगर आप या आपका कोई जानने वाला लंबे समय से जोड़ के दर्द से परेशान है और ऑपरेशन नहीं करवा पा रहा है, तो अब PMCH एक उम्मीद बनकर सामने आया है.

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