बिहार में जातिगत भेदभाव की जड़ें काफी गहरी हैं, जो सरकार और बिहार की उन्नति के लिए एक अभिशाप बनी हुई हैं. इसी समस्या को खत्म करने के लिए बिहार सरकार ने "अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना" की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य बिहार राज्य और समाज में जातिवाद और भेदभाव को खत्म करना है. इसके तहत बिहार का कोई व्यक्ति अगर अपनी जाति से बाहर शादी करता है यानी इंटर कास्ट मैरिज करता है, तो सरकार उस व्यक्ति या जोड़े को 1 लाख रुपये तक प्रोत्साहन राशि के तौर पर देगी. हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने कई शर्तें और नियम भी बनाए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. आइए जानते हैं इस योजना के बारे में.
नवविवाहित जोड़े को कितने रुपये मिलेंगे?
बिहार सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना के तहत अगर कोई भी व्यक्ति जो बिहार का निवासी हो और अगर वह किसी दूसरी जाति में शादी करता है, तो उसे बिहार सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि के तौर पर 1 लाख रुपये तक दिए जाएंगे, लेकिन शादी या विवाह सिर्फ दूसरी जाति में करने पर ही प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. इसका उद्देश्य समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और छुआछूत को खत्म करना है और लोगों में आपसी भाईचारे को बढ़ाना है, जिससे अलग-अलग जातियों के बीच भेदभाव खत्म हो और नए रिश्ते स्थापित हो.
योजना का लाभ उठाने के लिए शर्तें और नियम
इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार ने नवविवाहित जोड़ों के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें और नियम लागू किए हैं. अगर आप इन सभी नियमों का पालन करते हैं, तो आप भी बिहार सरकार की "अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना" का लाभ उठा सकते हैं
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए नवविवाहित जोड़ों का बिहार का स्थायी नागरिक होना जरूरी है. बिहार के बाहर के नागरिकों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा.
- इस योजना के अनुसार नवविवाहित जोड़ों में से एक पक्ष अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से होना जरूरी है और दूसरा पक्ष सवर्ण या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समाज से होना जरूरी है.
- योजना का लाभ केवल उन्हीं व्यक्तियों या नवविवाहित जोड़ों को मिलेगा, जो कानूनी रूप से पति पत्नी हों. यानी जिनके पास मैरिज सर्टिफिकेट या कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट हो.
- योजना के नियमों के अनुसार, लड़की की उम्र 18 साल से ज्यादा हो और लड़के की उम्र 21 साल से ज्यादा हो. तभी नवविवाहित जोड़े इस योजना के लिए पात्र होंगे.
- योजना की राशि प्राप्त करने के लिए पति पत्नी का बैंक अकाउंट जॉइंट होना जरूरी है यानी जॉइंट बैंक अकाउंट होना चाहिए और अकाउंट आधार से लिंक होना जरूरी है.
- लड़का और लड़की की शादी विशेष विवाह अधिनियम, 1954 या हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत आधिकारिक तरीके से पंजीकृत या रजिस्टर्ड होनी चाहिए.
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