Sandeep Chaudhary: क्या Hindu -Muslim करने से बेरोजगारी का होगा समाधान ? | ABP News | Seedha Sawaal
मध्य प्रदेश रोजगार पोर्टल में बेरोजगार 'आकांक्षी युवा' के नाम से जाने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या लाखों में है, लेकिन अब सरकार प्रदेश के बेरोजगारों को बेरोजगार नहीं बल्कि 'आकांक्षी युवा' बता रही है. रोजगार कार्यालय, रोजगार मेलों और प्रदेश के रोजगार पोर्टल में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को आकांक्षी युवा का नाम दिया गया है. प्रदेश के सरकारी आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में लगभग 30 लाख पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, जो सरकार की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं.सरकार ये दावा कर रही है कि आने वाले सालों में सरकार प्रदेश के पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी देगी, लेकिन जिस गति में रोजगार सृजन हो रहा है और बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है निकट भविष्य में तो ऐसा होता संभव नहीं दिख रहा है.बता दें कि विधानसभा में प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या को लेकर एक सवाल के जवाब में राज्य के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि ''रोजगार पोर्टल पर पंजीकृत बेरोजगारों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है, अपितु 'आकांक्षी' युवाओं' की जानकारी संधारित है.''इस पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर युवाओं को छलने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के पूर्व मंत्री और नेता सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि सरकार बेरोजगारों को मकड़जाल में फंसा रही है. नाम बदलने से परिस्थितियां नहीं बदलने वाली है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने की बात कही थी जबकि मध्य प्रदेश की सरकार हर साल 10 लाख नौकरियां देने का वादा कर चुकी है, लेकिन सच्चाई सबके सामने हैं.
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