Sandeep Chaudhary: दिल्ली में इस बार किसका जोर ? वरिष्ठ पत्रकारों का विश्लेशण | ABP News | Delhi
दिल्ली में एक महीने तक चला प्रचार युद्ध थमने वाला है...अब से एक घंटे बाद यानी शाम 6 बजे 70 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार थम जाएगा...लेकिन इस बार का प्रचार ज़ोरदार रहा...26 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी के लिए बीजेपी ने पूरी ताक़त लगा दी...चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने दूरदराज के राज्यों महाराष्ट्र और असम के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और हिमंत बिस्वा सरमा को तो लगाया ही, साथ ही बीजेपी के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू भी प्रचार के लिए पहुचे...दूसरी तरफ़ आम आदमी पार्टी के प्रचार की कमान पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल ने संभाल रखी थी जिन्होंने 37 रैलियों और रोड शो में हिस्सा लिया...कांग्रेस की तरफ़ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अपने चुनाव प्रचार में बीजेपी के साथ-साथ अरविद केजरीवाल को भी निशाना बनाया...लेकिन चुनाव प्रचार के आख़िरी दौर के बीच जिस तरह से बजट में मिडिल क्लास को राहत दी गई क्या वो दिल्ली चुनाव का गेमचेंजर बनेगा...इसकी वजह ये है कि दिल्ली में लगभग दो-तिहाई वोटर मिडिल क्लास से संबंध रखते हैं...अरविंद केजरीवाल अभी तक रैलियों में हर महीने हर परिवार को 25 हज़ार के फायदे की बात कह रहे थे...क्या बजट में टैक्स की छूट से बीजेपी ने इसका जवाब दे दिया है...केजरीवाल के पास इसकी काट क्या है...इस ही लेकर संदीप चौधरी के साथ देखिए सीधा सवाल- थमा चुनावी शोर...दिल्ली में किसका जोर?, कांग्रेस मजबूत या कमजोर...तय करेगी दिल्ली की बागडोर?