Delhi Old Vehicle Ban: आम आदमी पर 'अटैक', सरकार का U-Turn!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 04 Jul 2025 08:18 PM (IST)
दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध के फैसले से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई वाहन मालिकों की गाड़ियां कबाड़ हो गई हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है। डर के मारे अपनी गाड़ी बेचने वालों को भी पैसे वापस मिलने की संभावना नहीं है। इस फैसले को लेकर पर्यावरण के प्रति सरकारों की संवेदनहीनता पर सवाल उठ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को यू-टर्न के लिए जाना जाता है, जबकि आम आदमी पार्टी पर प्रचार और बड़े-बड़े विज्ञापन पर अधिक खर्च करने का आरोप है, जिससे पर्यावरण में सुधार नहीं हो रहा है। आईआईटी की एक स्टडी के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का 30 फीसदी गाड़ियों से, 15 फीसदी इंडस्ट्री से, 20 फीसदी कंस्ट्रक्शन से और बायोमास से होता है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि 10 या 15 साल पुरानी गाड़ियों पर एकतरफा प्रतिबंध लगाना सही नहीं है, क्योंकि कई गाड़ियां अच्छी स्थिति में होती हैं और कम प्रदूषण करती हैं। एक वक्ता ने कहा, "ये बिना किसी तैयारी के लिया गया फैसला है।" उनका मानना है कि यह फैसला दिल्ली के उपभोक्ताओं की आवाज उठाने का परिणाम है। उन्होंने यह भी बताया कि 15 साल पुरानी गाड़ी वही लोग रखते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति नई गाड़ी खरीदने की नहीं होती, और ऐसे सामान्य वर्ग के लोगों पर पेनल्टी लगाना गलत है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों की जांच होनी चाहिए और नई गाड़ी खरीदने पर जीएसटी और स्क्रैप पॉलिसी में छूट मिलनी चाहिए। इसके अलावा, पुरानी गाड़ियों को दूसरे राज्यों में बेचने और इस प्रक्रिया में माफिया के शामिल होने की आशंका भी जताई गई है, क्योंकि 62 लाख गाड़ियों की संख्या बहुत बड़ी है। इस पूरे मामले में आम आदमी से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया।