मोकामा मर्डर का बाहुबली कनेक्शन
चुनावी संग्राम के बीच खूनी खेल....मोकामा में जिस तरह से जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर हमला हुआ...जिस तरह से उनके चाचा दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या की गई...उसने एक बार फिर बाहुबली नेता अनंत सिंह का नाम सुर्खियों में ला दिया है...आरोप है कि इस खूनी खेल के पीछे अनंत सिंह का हाथ है....वही अनंत सिंह....जिसे लोग कहते हैं छोटे सरकार अनंत सिंह...बिहार के वो बाहुबली नेता जिनकी सियासत का पन्ना खुलता है साल 2005 में । उससे पहले वो गंगा के दियारा इलाके में अंडरग्राउंड रहते थे । न किसी से मिलते थे, न कोई आम शख्सियत उन्हें पहचानता था । लेकिन अनंत सिंह का जोर पूरे पटना में चलता था । 1990 से 2000 तक यानी दस साल अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह मोकामा से विधायक रहे । 2000 के चुनाव में निर्दलीय सूरजभान ने उन्हें हराकर सियासी तौर पर साफ कर दिया था । बाद में उनकी विरासत को अनंत सिंह ने बढ़ाया और इलाके पर एकछत्र राज किया । सड़क पर दौड़ती बग्घी वाली तस्वीर हो... या गले में लिपटे अजगर के साथ ये अंदाज़.. शौक ऐसे की एक घोड़े की खातिर सीधा लालू प्रसाद यादव से उलझ गया था ये बाहुबली जो मशहूर तो है छोटे सरकार के नाम से लेकिन उसका असली नाम है अनंत सिंह ।
चुनाव के मुद्दे तय करने में और प्रचार की हवा बदलने में पीएम मोदी की मास्टरी है। .. आज मुज़फ्फरपुर और छपरा की रैलियों में उन्होंने यही किया..बिहार के प्रचार का एजेंडा सेट कर दिया। जंगलराज पर प्रहार...मंगलराज की गारंटी...परिवारवाद पर अटैक...महागठबंधन में दरार पर फोकस...और गालियों के जवाब में भावुक अपील..। प्रधानमंत्री ने वो सारे सब्जेक्ट कवर कर लिये जो बिहार चुनाव में ट्रेंडिंग हैं।..राहुल और तेजस्वी पर ज़ोर का चुनावी पंच भी मारा। पहले आप देखिये कि प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे महागठबंधन का एजेंडा पीछे करके अपना एजेंडा सेट किया..। चुनावी संग्राम के बीच खूनी खेल....मोकामा में जिस तरह से जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर हमला हुआ...जिस तरह से उनके चाचा दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या की गई...उसने एक बार फिर बाहुबली नेता अनंत सिंह का नाम सुर्खियों में ला दिया है...आरोप है कि इस खूनी खेल के पीछे अनंत सिंह का हाथ है....वही अनंत सिंह....जिसे लोग कहते हैं छोटे सरकार अनंत सिंह...बिहार के वो बाहुबली नेता जिनकी सियासत का पन्ना खुलता है साल 2005 में । उससे पहले वो गंगा के दियारा इलाके में अंडरग्राउंड रहते थे । न किसी से मिलते थे, न कोई आम शख्सियत उन्हें पहचानता था । लेकिन अनंत सिंह का जोर पूरे पटना में चलता था । 1990 से 2000 तक यानी दस साल अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह मोकामा से विधायक रहे । 2000 के चुनाव में निर्दलीय सूरजभान ने उन्हें हराकर सियासी तौर पर साफ कर दिया था । बाद में उनकी विरासत को अनंत सिंह ने बढ़ाया और इलाके पर एकछत्र राज किया । सड़क पर दौड़ती बग्घी वाली तस्वीर हो... या गले में लिपटे अजगर के साथ ये अंदाज़.. शौक ऐसे की एक घोड़े की खातिर सीधा लालू प्रसाद यादव से उलझ गया था ये बाहुबली जो मशहूर तो है छोटे सरकार के नाम से लेकिन उसका असली नाम है अनंत सिंह ।
चुनाव के मुद्दे तय करने में और प्रचार की हवा बदलने में पीएम मोदी की मास्टरी है। .. आज मुज़फ्फरपुर और छपरा की रैलियों में उन्होंने यही किया..बिहार के प्रचार का एजेंडा सेट कर दिया। जंगलराज पर प्रहार...मंगलराज की गारंटी...परिवारवाद पर अटैक...महागठबंधन में दरार पर फोकस...और गालियों के जवाब में भावुक अपील..। प्रधानमंत्री ने वो सारे सब्जेक्ट कवर कर लिये जो बिहार चुनाव में ट्रेंडिंग हैं।..राहुल और तेजस्वी पर ज़ोर का चुनावी पंच भी मारा। पहले आप देखिये कि प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे महागठबंधन का एजेंडा पीछे करके अपना एजेंडा सेट किया..।