बकरीद की कुर्बानी पर क्यों मचा है हल्ला? Chitra Tripathi | Mahadangal
ईद-उल-ज़ुहा यानी बकरीद का त्योहार आने वाला है...7 जून को भारत में क़ुर्बानी का ये त्योहार मनाया जाएगा...लेकिन बकरीद पर क़ुर्बानी को लेकर घमासान ज़ोरों पर है...इसकी शुरुआत विश्व हिंदू परिषद ने की...VHP ने मांग की है कि बकरीद के नाम पर हिंसा, क्रूरता और अवैध गतिविधियों पर रोक लगे...VHP ने ये भी कहा है कि बकरीद की बर्बर परंपराओं को लेकर एक बेचैनी महसूस की जा रही है...VHP के अलावा बाबा बागेश्वर ने भी मुसलमानों में कुर्बानी के साथ-साथ हिंदुओं में बलि प्रथा का भी विरोध किया है...दिल्ली के नज़दीक लोनी से बीजेपी के विधायक नंद किशोर गुर्जर का तो कहना है कि पशु काटने के बदले केक पर पशु बनाकर उसे काटा जाए...यूपी सरकार की तरफ़ से क़ुर्बानी को लेकर कई गाइडलाइन भी जारी की गई है...हंगामा महाराष्ट्र तक पहुंच गया है जहां विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि BMC चुनाव में फायदा हासिल करने के लिए बीजेपी बकरीद के नाम पर सांप्रदायिक बंटवारा कर रही है...इन सबके बीच मुस्लिम समुदाय की तरफ से कहा जा रहा है कि क़ुर्बानी का रिवाज़ तो हिंदुओं में भी है जो पशुओं की बलि देते हैं...आज महादंगल की बहस बकरीद को लेकर मचे घमासान पर...क़ुर्बानी पर तनातनी क्यों हो रही है...क्या मज़हबी लड़ाई, बकरे की कुर्बानी तक पहुंच गई है...और सवाल ये भी कि इन सबके बीच बलि का बकरा कौन बन रहा है...आज की बहस की शुरुआत से पहले ये वार-पलटवार देख लीजिए