Chhangur Baba: छांगुर चला रहा था अपना रैकेट..प्रशासन को कैसे नहीं चला पता? Chitra Tripathi | 12 July
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से गिरफ्तार मौलाना छांगुर उर्फ जलालूद्दीन को लेकर हर रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं। उसके कोड वर्ड सामने आए हैं जिनका इस्तेमाल वह अपने साथियों से बातचीत में करता था। इन कोड वर्ड के अनुसार, लड़कियों को 'प्रोजेक्ट' कहा जाता था और धर्मांतरण करने को 'मिट्टी पलटना'। मानसिक रूप से प्रभावित करने को 'काजल करना' और बाबा से मिलवाने को 'दर्शन' कहा जाता था। धर्मांतरण के बाद नया जीवन शुरू करने की शर्त भी कोड वर्ड में बताई जाती थी। लोगों को विदेश भेजने, नौकरी और स्कॉलरशिप का लालच दिया जाता था। वह बलरामपुर और आसपास के जिलों में धर्मांतरण के काम में लगा हुआ था। उसकी पोल खुलने के बाद पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। तीन दिनों तक बुलडोजर चलाकर चंगुर के आलीशान कोठे को ध्वस्त कर दिया गया, जिसका इस्तेमाल वह धर्मांतरण के लिए करता था। सवाल उठ रहे हैं कि चंगुर 15 साल तक यह धर्मांतरण का धंधा कैसे बेरोकटोक करता रहा और उस पर कार्रवाई में देरी क्यों हुई। यह भी सवाल है कि धर्मांतरण के लिए उसके पास इतनी बड़ी संख्या में पैसे कहां से आते थे। "आप सोचे 100,00,00,000 से अधिक का ट्रांजैक्शन अब तक उसके 40 खातों में प्राप्त हुआ है इस रूप में।" यह भी सामने आया है कि उसने ब्राह्मण, क्षत्रिय, सिक्ख, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को धर्मांतरित करने के लिए अलग-अलग दरें तय की थीं। विदेशों से धनराशि आने की बात भी सामने आई है। कुछ लोगों ने सरकार की लापरवाही पर भी सवाल उठाए हैं। एटीएस इस मामले की जांच कर रही है।