Malegaon Blast Verdict: सबूत तो थे बस साबित नहीं हो सके!
एनआईए की विशेष अदालत ने 17 साल पुराने Malegaon ब्लास्ट केस में पूर्व बीजेपी सांसद Sadhvi Pragya समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। जांच एजेंसियां धमाके में इनकी भूमिका साबित करने में नाकाम रहीं, जिसके चलते सभी आरोपी संदेह के लाभ (Benefit of Doubt) में बरी हो गए। बीते 11 दिनों में यह तीसरा ऐसा मामला है, जहां सबूतों के अभाव में कोर्ट ने आरोपियों को बरी किया है। इससे पहले Nithari कांड और Mumbai Local Train Blast के आरोपियों को भी बरी किया जा चुका है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। फैसले के बाद सियासी गलियारों में 'भगवा आतंकवाद' (Bhagwa Aatankwad) को लेकर बहस तेज हो गई है। पीड़ित पक्ष ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। इस फैसले से एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि 'अगर सभी आरोपी बरी हो गए तो धमाका करके छे लोगों को किसने मारा?'