क्या खत्म हो रहा है समाज में कानून का खौफ?| RajneetiWithRajendraDev | ABP Ganga
ABP Ganga | 07 Sep 2020 11:54 PM (IST)
कानून और संविधान से हमारा देश चलता है. ऐसा दवा आप और हम सुनते आए हैं, लेकिन कानून को ठेंगा दिखा कर कई बार भीड़ समाज को चला चुकी है ये आप और हम देख भी चुके हैं. वो गणतंत्र जो इस बात का दंभ रखता हो कि इसी खित्ते में दूसरे पड़ोसी देशों के ठीक उलट यहां किसी भी अपराध में कानून इंसाफ करता है . अदालतें हैं जिनमें न्याय होता है. अपराधी को भी अपनी बात रखने का अधिकार होता है उस देश में भीड़ के इंसाफ और उसकी हिंसा पर देश की सबसे बड़ी अदालत को कानून बनाने का आदेश देना पड़े और वो ना बने तो बहस लाजमी हो जाती है. कहीं किसी कोने में भीड़ पीट कर किसी आरोपी को मार डाले तो बहस जरूरी हो जाती है. जहां शहर शहर भीड़ के कानून हाथ में लेने के मामले आम हो जाएं तो बहस जरूरी हो जाती है. जहां सत्ताधारी दल का सांसद ये कहे उसके स्वाभिमान पर हमला होता तो ऐसे करने वाले को वहीं ठोंक देंगे तो सवाल ख़ड़ा हो जाता है.