Sarabjit Singh Profile: सरबजीत सिंह की हत्या का मामला एक बार फिर चर्चा में है. कथित तौर पर, पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह को तड़पा-तड़पा कर हत्या करने वाले आतंकी हाफिज सईद के बेहद खास अमीर सरफराज तांबा को पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों में गोलियों से भून डाला है. हालांकि, पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि सरबजीत सिंह का हत्यारा अभी भी जिंदा है. 


पाकिस्तान कैसे पहुंच गए थे सरबजीत सिंह?


सरबजीत सिंह पाकिस्तान-भारत बॉर्डर पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले थे. बात साल 1990 की है. 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तान पहुंच गए थे. यहां उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया. उनकी उम्र तब मात्र 26 साल थी. खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए सरबजीत सिंह ने हर मुमकिन कोशिश की. उन्होंने एक चिट्ठी में लिखा था, "मैं एक बहुत ही गरीब किसान हूं और मेरी गिरफ्तारी गलत पहचान की वजह से की गई है. 28 अगस्त 1990 की रात में बुरी तरह शराब के नशे में धुत था और चलता हुआ बॉर्डर पार कर गया. जब मैं पकड़ा गया तो मुझे बेरहमी से पीटा गया और जेल में डाल दिया गया."


महीनों तक नहीं मिला खाना


जेल में रहते हुए सरबजीत सिंह को महीनों तक खाना नहीं दिया गया.  खाना नहीं मिलने की वजह से उनका शरीर गलता जा रहा था. जेल अफसरों ने कसाई की तरह बर्ताव किया. जब सरबजीत सिंह ने जेल अधिकारियों से दवा मांगी तो उनका मजाक उड़ाया गया और पागल ठहराने की पूरी कोशिश की गई. इसके बाद उन्हें एकांत कोठरी में डाल दिया गया.


कैसे हुई थी हत्या?


 बता दें कि अप्रैल 2013 में पाकिस्तान के लाहौर की एक जेल में बंद सरबजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. जेल के अंदर दो कैदियों ने सरबजीत पर जानलेवा हमला किया था. बाद में सरबजीत सिंह की अस्पताल में मौत हो गई थी. सरबजीत सिंह पर हमला करने वाले दो कैदियों के नाम- आमिर सरफ़राज़ उर्फ़ तांबा और मुदस्सिर मुनीर थे. उसी आमिर सरफ़राज़ उर्फ़ तांबा की हत्या की इस समय चर्चा है.


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