कर्नाटक के मालपे में मछुआरों ने एक दुर्लभ 'आरी मछली' को पकड़ लिया, जिसे देखकर खुद मछुआरे हैरान रह गए. करीब 250 किलोग्राम की 'आरी मछली' को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नाव 'सी कैप्टन' में मछुआरों ने पकड़ा. इसे क्रेन की मदद से समुद्र तट पर लाया गया और इस दौरान वहां देखने वालों की भीड़ उमड़ गई. हर कोई इस मछली की एक झलक पाने की कोशिश कर रहा था. यह वीडियो ऑफ सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. 

इस मछली को 'कारपेंटर शार्क' के नाम से भी जाना जाता है और यह एक लुप्तप्राय प्रजाति है. इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 के तहत संरक्षित किया गया है. मैंगलोर सिटी नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने सॉफिश के फोटो और वीडियो शेयर किया है. इसमें विशेषज्ञों के हवाले से लिखा, " कारपेंटर शार्क एक लुप्तप्राय प्रजाति हैं, जिनकी आबादी में गिरावट आई है." जानकारों की मानें तो पिछले एक दशक में इस प्रजाति को भारतीय तट पर 10 से भी कम बार देखा गया है.

मालपे मत्स्य बंदरगाह में लाए जाने के बाद इसे कथित तौर पर मंगलुरु के एक व्यापारी को बेच दिया गया. हालांकि लुप्तप्राय और संरक्षित प्रजातियों की नीलामी करने से मछुआरे मुश्किल में पड़ सकते हैं. इस मछली की नीलामी करने पर एक टाइगर की हत्या के बराबर दंड दिया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त निदेशक गणेश के ने पुष्टि की कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है.

इस प्रजाति की मछलियों को उनकी लंबी और संकीर्ण नाक की वजह से खास माना जाता है. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के अनुसार, सॉफिश दुनिया भर में सबसे अधिक खतरे वाली समुद्री मछलियों में से एक हैं. सभी पांच सॉफ़िश प्रजातियों को लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से तीन गंभीर रूप से लुप्तप्राय हैं. इसे पकड़ने और नीलामी करने पर भारत में सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, क्योंकि इसे वन्य जीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत संरक्षित किया गया है. 

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