Karnataka News: कर्नाटक के उडुपी जिले से एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है. 33 साल के प्रदीप कुमार की जान एक सड़क पर पड़े गड्ढों ने ले ली. हादसा उस समय हुआ जब प्रदीप अपनी बाइक से जा रहे थे. उन्होंने एक वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश की, लेकिन सड़क पर बने गहरे गड्ढों की वजह से बाइक का संतुलन बिगड़ गया. वह सड़क पर गिर पड़े और पीछे से आ रहे ट्रक के नीचे दब गए. मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
स्थानीय प्रशासन और सरकार दोनों पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि उडुपी और आसपास की कई सड़कों पर लंबे समय से गड्ढे बने हुए हैं. बारिश के बाद इनकी स्थिति और खराब हो जाती है. लोगों ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. नतीजा यह हुआ कि एक युवा की जिंदगी इन गड्ढों ने निगल ली.
सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना स्थानीय प्रशासन और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है. नगर निगम को समय-समय पर सड़क की मरम्मत करनी चाहिए और सरकार को इसके लिए पर्याप्त बजट और निगरानी करनी चाहिए. लेकिन जब यह जिम्मेदारियां पूरी नहीं की जातीं तो आम लोगों को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ती है.
हादसे का जिम्मेदार कौन ?
प्रदीप कुमार के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार और स्थानीय लोग अब प्रशासन से पूछ रहे हैं कि आखिर इस लापरवाही का हिसाब कौन देगा. क्या नगर निगम दोषी है, जिसने सड़कों की मरम्मत नहीं कराई? या फिर राज्य सरकार, जिसने समय पर निगरानी नहीं की?
यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सड़कों की खराब हालत और लापरवाही का बड़ा उदाहरण है. सवाल यह उठता है कि इस मौत की जिम्मेदारी किसकी है? नगर निगम, जो सड़कों की देखरेख करता है, या फिर राज्य सरकार, जो विकास कार्यों की निगरानी करती है?