सोशल मीडिया पर छाई रूसी महिला की कहानी, बेंगलुरु में अपनी मेड को देती हैं 45 हजार सैलरी
यह खबर सामने आते ही इंटरनेट पर बहस छिड़ गई. कुछ लोग उनके फैसले की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ इसे मार्केट खराब करने वाला कदम बता रहे हैं, लेकिन यह कहानी सिर्फ एक बड़ी सैलरी की नहीं है.

बेंगलुरु में रहने वाली एक रूसी महिला इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में हैं. इसकी वजह यह है कि उन्होंने अपनी घरेलू सहायिका यानी मेड को हर महीने 45,000 से ज्यादा सैलरी देना शुरू किया है. यह खबर सामने आते ही इंटरनेट पर बहस छिड़ गई. कुछ लोग उनके फैसले की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे मार्केट खराब करने वाला कदम बता रहे हैं.
हालांकि, यह कहानी सिर्फ एक बड़ी सैलरी की नहीं है, यह सोच और इंसानियत की भी कहानी है. इस महिला का नाम यूलिया असलमोवा है, जो कि एक कंटेंट क्रिएटर और प्रोफेशनल हैं. उन्होंने न सिर्फ अपने घरेलू काम के लिए एक मेड को हायर किया, बल्कि उसे पूरी इज्जत, प्रोफेशनल ट्रेनिंग और करियर ग्रोथ का मौका भी दिया.
यूलिया की सोच की हो रही तारीफ
यूलिया का मानना है कि हर इंसान की नौकरी की इज्जत होनी चाहिए, चाहे वो किसी भी पोस्ट पर क्यों न हो. वह कहती हैं कि जैसे कंपनियों में कर्मचारियों के लिए KPI होते हैं, वैसे ही उन्होंने अपनी मेड के लिए भी एक प्रणाली बनाई ताकि उसे यह समझ में आए कि उसकी मेहनत और सुधार की वैल्यू है. जब उन्होंने अपनी बेटी एलिना के लिए एक मेड की तलाश शुरू की तो उन्होंने कोई जल्दबाजी नहीं की. यूलिया ने करीब 20 महिलाओं का इंटरव्यू लिया और एक चेक लिस्ट तैयार की, जिसमें उन्होंने देखा कि कौन मानसिक रूप से मजबूत, ईमानदार, और बच्चों के प्रति जिम्मेदार है.
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यूलिया की छोटी शुरुआत, मेड की बड़ी ग्रोथ
शुरुआत में यूलिया को सिर्फ पार्ट टाइम मदद की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने सोचा कि अगर कोई अच्छा इंसान मिल जाए तो उसे अच्छी सैलरी देनी चाहिए. पहले साल के बाद उन्होंने मेड की परफॉर्मेंस को देखकर 10 प्रतिशत की सैलरी बढ़ोतरी दी, इसके बाद दूसरे साल उन्होंने एक KPI सिस्टम शुरू किया, जिससे परफॉर्मेंस के आधार पर और ज्यादा कमाई का रास्ता खुला. वहीं तीसरे साल उन्होंने अपनी मेड को 1.7 गुना ज्यादा सैलरी, फुल-टाइम नौकरी, ट्रेनिंग और नई स्किल्स सीखने के मौके दिए. अब वह मेड को ड्राइविंग सीख रही हैं और जल्दी ही यूलिया की बेटी को स्कूल और क्लासेस ले जाने का काम भी करेगी.
वहीं यूलिया ने अपने कैप्शन में एक जरूरी बात कही कि भारत में ज्यादा लोग अपनी मेड से पेशेवर या सम्मानजनक व्यवहार नहीं करते. उनका कहना है कि अगर आप किसी इंसान को सम्मान, मौका और इंसाफ देंगे तो वह भी आपको वफादारी देगा. उनका मैसेज है कि दूसरों की नौकरी के बारे में वैसा ही सोचिए, जैसा आप अपनी नौकरी के बारे में सोचते हैं.
सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग?
इस कहानी ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान खींचा. कई लोग यूलिया की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने एक नई मिसाल पेश की है, जहां घरेलू कामकाज करने वालों को भी करियर ग्रोथ, इज्जत और अच्छी सैलरी दी जा सकती है. एक यूजर ने लिखा यूलिया, आप शानदार हैं. आपने जो तरीका अपनाया, वो बाकी लोगों को भी सीखना चाहिए. वहीं कुछ लोग इससे असहमत भी है. कुछ का कहना है कि इतनी ज्यादा सैलरी देना बाकी लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, क्योंकि अब घरेलू काम करने वाली महिलाएं तुलना करेंगी और हर जगह इतनी सैलरी मांगेंगी. कुछ लोगों ने तंज कसते हुए कहा किये तो TCS या Infosys में मिलने वाली फ्रेशर सैलरी से भी ज्यादा है. हालांकि यूलिया का जवाब साफ है कि मैं रिश्तों और आपसी ग्रोथ में विश्वास रखती हूं,अगर आप लोगों से बुरा बर्ताव करेंगे, तो जिंदगी में कभी न कभी उसका नतीजा जरूर भुगतना पड़ेगा.
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Source: IOCL























