तेलंगाना के निर्मल जिले में एक ऐसी घटना हुई है, जिसने सबको चौंका दिया. एक मछुआरे को गोदावरी नदी के बैकवॉटर में अजीबोगरीब मछली मिली है, जिसके दांत बिल्कुल इंसानों जैसे हैं. इस मछली को देखकर न सिर्फ मछुआरे, बल्कि आसपास के लोग भी हैरान हैं. लोग दूर-दूर से इस अनोखी मछली को देखने आ रहे हैं.
कैसे मिली यह अनोखी मछली?
यह घटना निर्मल जिले की गोदावरी नदी के बैकवॉटर की है. एक स्थानीय मछुआरा रोजाना की तरह सुबह-सुबह मछली पकड़ने गया था. उसने जाल डाला और जब उसे खींचा तो उसमें एक ऐसी मछली फंस गई, जिसे देखकर वह दंग रह गया. मछली को ध्यान से देखने पर पता चला कि उसके मुंह में इंसानों जैसे दांतों की दो कतारें हैं. यह देखकर मछुआरे के होश उड़ गए। उसने तुरंत अपने साथियों को बुलाया और यह खबर पूरे गांव में फैल गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसी मछली कभी नहीं देखी. कुछ लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं तो कुछ इसे प्रकृति का अजूबा बता रहे हैं.
पिरान्हा की रिश्तेदार है यह मछली
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह एक खास प्रजाति की मछली है, जिसे पाकू मछली (Pacu Fish) कहते हैं. यह मछली आमतौर पर दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है. यह पिरान्हा मछली के परिवार से संबंधित है, लेकिन यह पिरान्हा की तरह खतरनाक नहीं होती. पिरान्हा मछलियां मांसाहारी होती हैं, लेकिन पाकू मछलियां ज्यादातर शाकाहारी होती हैं. इनका मुख्य खाना फल, बीज और पानी में उगने वाले पौधे होते हैं. पाकू मछली के दांत इंसानों जैसे होते हैं, जो इसे और भी अनोखा बनाते हैं. ये दांत इतने मजबूत होते हैं कि यह मछली कठोर फल और बीजों को आसानी से चबा सकती है. हालांकि, इंसानों को यह मछली बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाती है.
भारत में कहां से आई यह मछली?
अब सवाल यह उठता है कि दक्षिण अमेरिका से ताल्लुक रखने वाली यह मछली तेलंगाना के निर्मल जिले तक कैसे पहुंच गई? विशेषज्ञों का मानना है कि यह मछली शायद व्यापार के जरिए या किसी और रास्ते से भारत के जलाशय में आ गई होगी. कई बार लोग विदेशी मछलियों को एक्वेरियम में रखने के लिए लाते हैं और बाद में उन्हें नदियों या तालाबों में छोड़ देते हैं. हो सकता है कि इस तरह से यह मछली गोदावरी नदी तक पहुंच गई हो.
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