MP News: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के जवासिया गांव में एक अनोखी और भावुक करने वाली घटना सामने आई है. यहां रहने वाले अंबालाल प्रजापत ने अपने सबसे करीबी दोस्त सोहनलाल जैन की आखिरी इच्छा को ऐसा पूरा किया, जिसे देखकर गांव के लोग भी भावुक हो गए.

जिगरी दोस्त ने अपने दोस्त की अंतिम इच्छा की पूरी

करीब तीन साल पहले सोहनलाल जैन को कैंसर हो गया था. बीमारी के दौरान उन्होंने अपने जिगरी दोस्त अंबालाल को एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने साफ-साफ लिखा था जब मेरी मौत हो जाए, तो मेरी अंतिम यात्रा में रोना-धोना नहीं चाहिए. चुप्पी नहीं चाहिए. मेरी अर्थी ढोल-नगाड़ों के साथ, नाचते-गाते निकाली जाए. मुझे खुशी के साथ विदा करना.”

सोहनलाल की यह चिट्ठी उनकी मौत के बाद सबके सामने आई. जैसे ही अंबालाल ने चिट्ठी पढ़ी, उन्होंने अपने दोस्त की अंतिम इच्छा को पूरा करने का फैसला किया. जब सोहनलाल की शवयात्रा निकाली गई, तो वहां कोई रोने की आवाज नहीं थी. इसके बजाय ढोल-नगाड़े बज रहे थे, लोग नाच रहे थे और सोहनलाल की अर्थी को खुशी के साथ विदा किया जा रहा था.

दृश्य देखकर भावुक हुए गांव वाले

अंबालाल खुद सबसे आगे नाचते हुए चल रहे थे. उन्होंने कहा, “सोहनलाल मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे. उन्होंने जैसा चाहा, मैंने वैसा ही किया. आज मैं रो नहीं रहा हूं, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि मैं रोऊं.”

गांव में यह दृश्य बहुत ही अलग और भावुक कर देने वाला था. लोग कह रहे थे कि यह पहली बार है जब किसी की अंतिम यात्रा में खुशी का माहौल देखा गया. बहुतों की आंखें भर आईं, लेकिन सभी ने मुस्कुराते हुए सोहनलाल को अंतिम विदाई दी. इस घटना ने दोस्ती की मिसाल कायम कर दी. एक दोस्त ने अपने जिगरी यार की आखिरी इच्छा को पूरी ईमानदारी और सच्चे दिल से निभाया.

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