Train coaches: ट्रेन में सफर करना हर किसी के अच्छा लगता है.खासकर खिड़की के पास बैठकर वादियां और खेत देखने वाले लोग ट्रेनों के ज्यादा शौकीन होते हैं. लेकिन क्या आपको मन में भी लाखों लोगों की तरह यह सवाल आया कि क्या ट्रेन को भी कोई खरीद सकता है? आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आप एक ट्रेन के मालिक कैसे बन सकते हैं. दरअसल, रेलवे हर साल ऐसे डिब्बों की नीलामी करता है जिन्हें वो ऑपरेशन से बाहर कर चुका है. ऐसे में रेलवे लगातार अपनी सुविधाओं का विस्तार कर रहा है. रेलवे लगातार लग्जरी ट्रेन के साथ साथ हाई स्पीड और सेमी हाई स्पीड ट्रेन की संख्या बढ़ा रही है.ऐसे में रेलवे ट्रेन के पुराने डिब्बों को ऑपरेशन से बाहर कर रही है. बाहर किए गए इन डिब्बों का आखिर रेलवे करती क्या है, आइए आपको बताते हैं.

पुराने डिब्बों की होती है नीलामी

रेलवे पुराने डिब्बों को ऑपरेशन से बाहर करने के बाद उनकी नीलामी कर देता है. इस दौरान रेलवे ट्रॉली, पहिए और दूसरे पार्ट को अपने पास रखकर बोगी की नीलामी कर देता है. इन डिब्बों की नीलामी नियमानुसार होती है. रेलवे की नीलामी के लिए रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

कई डिब्बों का अस्थाई आवास के रूप में भी होता है इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे पुराने डिब्बों को कैम्प कोच के रूप में भी इस्तेमाल करता है. कैम्प कोच रेलवे के कर्मचारियों के लिए अस्थाई आवास की तरह कार्य करता है. इन डिब्बों में रेलवे के इंजीनियर विभाग के रेल लाइन निर्माण और मरम्मत से जुड़े लोगों को रखा जाता है. आपको बता दें कि ट्रेन के एक कोच की उम्र सीमा लगभग 30 साल होती है. 30 सालों के बाद रेलवे इन डिब्बों को सर्विस से बाहर कर देता है. इसके बाद इन डिब्बों को अलग अलग तरह से इस्तेमाल में लिया जाता है. कुछ की ऑनलाइन नीलामी भी कर दी जाती है.

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