हर साल, दुनिया भर से पेशेवर कब्र खोदने वाले हंगरी में एक खास प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आते हैं. यह कोई खेल या मेला नहीं है, बल्कि एक ऐसा मुकाबला है जिसमें ताकत के साथ-साथ धैर्य, सटीकता और मेहनत की असली परीक्षा होती है. हंगरी के कब्रिस्तान संचालक संघ (MTFE) इस प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, ताकि कब्र खोदने के काम को एक सम्मानजनक और चुनौतीपूर्ण पेशा दिखाया जा सके. अब इस प्रतियोगिता की चर्चा इंटरनेट पर हो रही है और लोग इसे लेकर तरह तरह के रिएक्शन दे रहे हैं.
हंगरी में इस तरह से होती है कब्र खोदने की प्रतियोगिता
इस प्रतियोगिता में दुनियाभर के प्रतिभागी दो-दो की टीमों में काम करते हैं. उन्हें दो घंटे के अंदर 2 मीटर लंबी, 80 सेंटीमीटर चौड़ी और 1.6 मीटर गहरी कब्र खोदनी होती है. इसके बाद लगभग 2.5 टन मिट्टी को वापस गड्ढे में डालकर एक साफ-सुथरा दफन टीला बनाना होता है. यह काम केवल ताकत से नहीं, बल्कि सही तरीके, तेजी और सफाई के साथ करना होता है. यह मुकाबला केवल शारीरिक मेहनत की नहीं, बल्कि मानसिक धैर्य और फोकस की भी परीक्षा है. हर साल प्रतियोगिता में नए तरीके और कौशल देखने को मिलते हैं, जिससे यह पता चलता है कि कब्र खोदना सिर्फ मेहनत का काम नहीं, बल्कि एक कला और पेशेवर कौशल भी है. इस साल आठवीं अंतर्राष्ट्रीय कब्र खोदने की चैंपियनशिप ने फिर साबित कर दिया कि यह प्रतियोगिता सिर्फ काम दिखाने की नहीं, बल्कि चुनौती, रोमांच और कौशल का एक खास मिलन है.
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यूजर्स ने यूं किया रिएक्ट
सोशल मीडिया पर जैसे ही ये मामला वायरल हुआ वैसे ही लोगों ने इसे लेकर तरह तरह के रिएक्शन देने शुरू कर दिए. एक यूजर ने लिखा...भाई ये कैसी प्रतियोगिता है, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा. एक और यूजर ने लिखा....ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए, इससे शरीर एक दम स्वस्थ रहता है. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा...कब्र खोदना ये कैसी प्रतियोगिता है. सुनकर ही अजीब लग रहा है.
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