देश की सीमाओं की हिफाजत सिर्फ जवान ही नहीं करते, कुछ न बोलने वाले सिपाही भी होते हैं जो हर खतरे को सूंघकर पहले ही अलर्ट कर देते हैं. हाल ही में वायरल हुआ एक वीडियो इसी सच्चाई को बखूबी दिखा रहा है, जहां नेशनल ट्रेनिंग एंड रिहैबिलिटेशन ग्रुप (TRG) सेंटर फॉर डॉग्स में भारतीय सेना के लिए कुत्तों को खतरनाक और जटिल मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है. वीडियो की शुरुआत ही एक जबरदस्त सीन से होती है. फौजी वर्दी पहने ट्रेनर और उनके साथ दौड़ते हुए कुत्ते. न कोई डर, न कोई झिझक. सिर्फ फोकस और वफादारी. एक्शन के साथ ये सीन दिल में जोश भर देता है. वीडियो देखकर आपकी भी छाती गर्व से चौड़ी हो जाएगी.
बीएसएफ ने शेयर किया डॉग ट्रेनिंग का वीडियो
इन डॉग्स को ना सिर्फ बॉर्डर पर गश्त के लिए तैयार किया जा रहा है, बल्कि उन्हें बम डिटेक्शन, नार्कोटिक्स की पहचान, सर्च ऑपरेशन और यहां तक कि आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी मास्टर बनाया जा रहा है. इस सेंटर की ट्रेनिंग देखकर कोई भी कहेगा कि ये सिर्फ जानवर नहीं, ये सेना के विशेष कमांडो हैं.
जैसे ही ट्रेनर कड़ी आवाज में कमांड देते हैं.."सिट" या "सर्च", तुरंत हर डॉग एकदम परफेक्ट एक्शन में आ जाता है. उनकी स्पीड, सटीकता और आज्ञा पालन देख हर देशवासी गर्व से भर उठता है. वीडियो में छोटे छोटे डॉग्स को ट्रेंनिंग पीरियड के दौरान ही बड़े होते दिखाया गया है और बताया गया है कि कितनी छोटी उम्र से ही इनकी ट्रेनिंग शुरू कर दी जाती है.
गर्वित हो उठे यूजर्स
वीडियो में दिखता है कि कैसे जवान और ये डॉग्स आपस में एक ऐसे रिश्ते में बंधे हैं, जिसमें शब्दों की जरूरत नहीं. एक आंखों का इशारा, एक सीटी, और ये जाबाज चार पैरों वाले सिपाही समझ जाते हैं कि अब क्या करना है. ये वफादारी देशभक्ति की जीती जागती मिसाल है. लोग सोशल मीडिया पर वीडियो को देखकर गदगद हो रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “सलाम है इन चार पैरों वाले सिपाहियों को, जो बिना पदक के भी देश के लिए जान दांव पर लगाते हैं. एक और यूजर ने लिखा...सीना गर्व से चौड़ा हो उठा है. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा...ये हैं देश के जाबांज हीरो, मजा आ गया.