एसिड अटैक एक वीभत्स अपराध है, जिसका शिकार होने वाले लोगों की जिंदगी काफी हद तक बर्बाद और मुश्किल हो जाती है. ये एक ऐसा अपराध है, जो किसी की जिंदगी की नींव को हिलाकर रख सकता है. एक एसिड अटैक सर्वाइवर एंड्रियास क्रिस्टोफरोस कहते हैं कि एसिड अटैक से अच्छा तो यह होता कि उनको गोली मार दी जाती. एंड्रियास के साथ एसिड अटैक की घटना साल 2014 में हुई थी. 


38 साल के एंड्रियास पर सल्फ्यूरिक एसिड फेंका गया था. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, एसिड सर्वाइवर्स ट्रस्ट इंटरनेशनल (ASTI) ने बताया कि वेल्स और इंग्लैंड में एसिड अटैक की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. यहां इन घटनाओं में 69 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एंड्रियास के साथ जब एसिड अटैक हुआ, तब वह पूरी तरह से टूट गए थे. उन्हें नॉर्मल लाइफ जीने के लिए 60 मुश्किल सर्जरी से गुजरना पड़ा, जो आसान नहीं था. इस हमले की वजह से उनकी आंखों की रोशनी तक चली गई.


करानी पड़ी कई सर्जरीज़


अपने साथ हुई इस घटना के बारे में बताते हुए एंड्रियास ने कहा कि इससे अच्छा तो यह होता कि उन्हें गोली मार दी जाती या चाकू घोंप दिया गया होता. कम से कम मैं लाइफ को रिबिल्ड कर पाता. मुझे हर सुबह अपना जला हुआ चेहरा नहीं देखना पड़ता. उन्होंने कहा कि अगर एसिड अटैक किसी राजनेता या फिर हाई लेवल के किसी व्यक्ति पर हुआ होता तो आज स्थिति कुछ और होती. एंड्रियास के साथ इस घटना को डेविड फिलिप्स नाम के एक शख्स ने अंजाम दिया था, जो पेंटर और डेकोरेटर था. उसने एंड्रियास के घर के दरवाजे पर इस घटना को अंजाम दिया था. एसिड अटैक के कारण एंड्रियास को काफी कुछ झेलना पड़ा. उनकी कई सारी सर्जरीज़ हुईं. 




सख्त कानून बनाने की मांग


उनपर एसिट अटैक करने वाले फिलिप्स को 16 साल की सजा दी गई थी. हालांकि सजा पूरी होने से पहले ही रिहाई दे दी गई. एंड्रियास को यह जानकर बहुत बुरा लगा था कि उनपर हमला करने वाला शख्स एक नॉर्मल लाइफ जी रहा है. जबकि उनको हर समय जिंदगी से जंग लड़नी पड़ रही है. एंड्रियास अब एसिड अटैक के खिलाफ सख्त नियम-कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि किसी को भी इस वीभत्स घटना का शिकार न होना पड़े. 


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