Artificial Intelligence: यूटयूब ने ओपनआई पर अपने प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है. इसका कहना है कि ओपनएआई अपने टेक्स्ट टू वीडियो टूल की ट्रेनिंग करने के लिए यूट्यूब वीडियोज का यूज कर रहा है. खबरों के मुताबिक, ओपनएआई ने अपना नया मॉडल Whisper डेवलप किया है, जो कि ऑडियो को टेक्स्ट में बदल सकता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ओपनएआई ने इसी मॉडल का इस्तेमाल कर यूट्यूब से लाखों घंटों के वीडियो को ट्रांसक्राइब किया है.


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, OpenAI को ये पता था कि जो वो कर रहा है, वो कानूनी रूप से गलत हो सकता है, लेकिन उसका मानना था कि वो फेयर यूज के दायरे में है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि ओपनएआई के प्रेसिडेंट ग्रेग ब्रोकमैन खुद इस वीडियो इकठ्ठा करने के काम में शामिल थे. इससे पहले यूट्यूब के सीईओ नील मोहन ने एक इंटरव्यू के दौरान ओपनएआई के YouTube वीडियोज इस्तेमाल के आरोप को लेकर विरोध जताया था. 


'ये पॉलिसी का उल्लंघन है...'


यूट्यूब के सीईओ नील मोहन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ओपनएआई अपने टेक्स्ट टू वीडियो टूल को ट्रेंड करने के लिए यूट्यूब वीडियोज का इस्तेमाल कर रहा है जो कि पॉलिसी का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म पर कंटेंट अपलोड करने वाले क्रिएटर्स को ये  उम्मीद है कि उनके काम का यूज कुछ शर्तों के हिसाब से किया जाएगा.


द वर्ज से बातचीत के दौरान ओपनएआई की प्रवक्ता लिंडसे हेल्ड ने कहा कि कंपनी कई स्रोतों से डेटा इकट्ठा करती है, जिनमें सार्वजनिक और गैर-सार्वजनिक डेटा भी शामिल है. ये डेटा मॉडल्स को दुनिया में समझने में मदद करता है. 


ओपनएआई पर लगे इन आरोपों को लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने अभी कुछ नहीं कहा है. माइक्रोसॉफ्ट ही है, जिसने एआई पर सबसे ज्यादा निवेश किया है. 


यह भी पढ़ें:-


खत्म हुआ सस्पेंस! Nothing ने अपनी नई ईयरबड्स सीरीज की लॉन्चिंग डेट का किया ऐलान