Mark Zuckerberg on AI: अगर आप एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं तो आपने यह ज़रूर सुना होगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भविष्य में आपके काम की जगह ले सकता है. हाल ही में, मार्क ज़ुकरबर्ग ने इस बदलाव को लेकर एक संभावित समयसीमा साझा की है. एक पॉडकास्ट बातचीत में ज़ुकरबर्ग ने कहा कि अगले 12 से 18 महीनों के भीतर, उनकी कंपनी मेटा के ‘Llama प्रोजेक्ट’ का अधिकांश कोड AI द्वारा लिखा जाएगा. उन्होंने बताया कि AI पहले ही एक कुशल डेवलपर की तरह परफॉर्म कर रहा है और अब वह कोड के हिस्सों को खुद-ब-खुद पूरा करने में सक्षम हो गया है. उनका मानना है कि जल्द ही AI सबसे बेहतरीन प्रोग्रामर से भी आगे निकल जाएगा और बिना इंसानी दखल के हाई-क्वालिटी वाला कोड लिख सकेगा, उसे टेस्ट करेगा और बग्स भी ढूंढ लेगा.
Mark Zuckerberg की भविष्यवाणी
पॉडकास्ट में ज़ुकरबर्ग ने बताया कि मेटा में कई AI आधारित कोडिंग टूल्स पर काम चल रहा है. हालांकि कंपनी का उद्देश्य इन्हें बेचने का नहीं है बल्कि यह टूल्स मेटा के अंदरूनी कामों और रिसर्च को आसान बनाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं. इनका इस्तेमाल खासतौर पर Llama रिसर्च प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा. उन्होंने इसे मेटा की तकनीकी रणनीति का एक अहम हिस्सा बताया.
पहले भी AI को लेकर कही थी ये बात
मार्क ज़ुकरबर्ग पहले भी यह कह चुके हैं कि आने वाले समय में ऐप्स का सारा कोड AI द्वारा लिखा जाएगा और यह मिड-लेवल सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को पूरी तरह से रिप्लेस कर सकता है. इसी सोच को एंथ्रोपिक के CEO डेरियो अमोडेई भी समर्थन देते हैं. उन्होंने अनुमान लगाया है कि साल 2025 के अंत तक AI द्वारा लगभग 100% कोड जनरेट किया जा सकेगा जबकि आने वाले 3 से 6 महीनों में यह आंकड़ा 90% तक पहुंच सकता है. टेक इंडस्ट्री में यह बदलाव पहले ही शुरू हो चुका है. गूगल के CEO सुंदर पिचाई के अनुसार, उनकी कंपनी में 25% कोडिंग AI से हो रही है.
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