आपके घर, ऑफिस या मनपसंद कैफे में लगा वाई-फाई राउटर आपकी जासूसी के लिए भी यूज हो सकता है. यह एक CCTV की तरह काम करते हुए आपके पॉश्चर, प्रेजेंस और मूवमेंट का सटीकता से पता लगा सकता है. यानी वाई-फाई राउटर से कोई यह देख सकता है कि किसी कमरे में कितने लोग मौजूद हैं, वो खड़े या बैठे हैं और वो कैसे चल-फिर रहे हैं. यह सब तब भी हो सकता है, जब कमरे में मौजूद लोगों के पास मोबाइल या लैपटॉप जैसा कोई भी कनेक्टेड डिवाइस मौजूद नहीं है.

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नई स्टडी में हुआ यह चौंकाने वाला खुलासा

कुछ हफ्ते पहले जर्मनी के Karlsruhe इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) के रिसर्चर ने एक स्टडी पब्लिश की थी. इसमें सामने आया कि वाई-फाई राउटर से रियल-टाइम में लोगों को पहचाना जा सकता है, भले ही उनके पास कोई भी कनेक्टेड डिवाइस न हो. स्टडी करने वाले प्रोफेसर थॉर्स्टन स्ट्रूफ ने बताया कि जब लोग रेडियो वेव्ज के बीच से गुजरते हैं तो इनमें बदलाव होता है और इससे लोगों की इमेज क्रिएट की जा सकती है. CCTV में जहां साफ फोटो नजर आती है, वहीं राउटर की मदद से रेडियो वेव्ज का इस्तेमाल कर लोगों का पता लगाया जा सकता है.

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कैसे लगता है लोगों का पता?

मॉडर्न वाई-फाई राउटर में बीमफॉर्मिंग फीडबैक इंफोर्मेशन (BFI) होती है ताकि सिग्नल बेहतर तरीके से काम कर सके. KIT की टीम ने पाया कि इस डेटा को यूज लोगों की मौजूदगी और मूवमेंट का पता लगाया जा सकता है. इसे देखते हुए प्रोफेसर स्ट्रूफ ने इसे लाइट वेव्ज की जगह रेडियो वेव्ज से चलने वाला कैमरा बताया है.

क्यों है यह खतरनाक?

रिसर्च करने वाली टीम के एक रिसर्चर ने बताया कि इसका फायदा उठाकर वाई-फाई राउटर को सर्विलांस के लिए यूज किया जा सकता है. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना किसी वाई-फाई नेटवर्क वाले कैफे के आगे से गुजरता है तो उसकी जानकारी के बिना उसकी मौजूदगी और मूवमेंट को रिकॉर्ड किया जा सकता है, जिसे सरकारें और कंपनियां इस्तेमाल कर सकती हैं. आजकल हर कहीं वाई-फाई राउटर की मौजूदगी है, जिससे यह एक बड़ा सर्विलांस इंफ्रास्ट्रक्चर बन जाता है. इस वजह से लोगों की प्राइवेसी को बड़ा खतरा है.

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