CPU Vs GPU Vs NPU: जब भी आप कोई स्मार्टफोन खरीदते हैं, उसके प्रोसेसर की जानकारी सबसे पहले दी जाती है. लेकिन कई लोग सिर्फ CPU का नाम देखकर फोन की परफॉर्मेंस का अंदाजा लगा लेते हैं जबकि असल में तीन हिस्से CPU, GPU और NPU मिलकर किसी भी डिवाइस को तेज, स्मार्ट और पावरफुल बनाते हैं. अगर आप टेक गुरु बनना चाहते हैं तो इन तीनों का अंतर समझना जरूरी है क्योंकि यही आपके फोन की असली क्षमता तय करते हैं.

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CPU

CPU यानी सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को डिवाइस का असली ब्रेन कहा जाता है. यह वह हिस्सा है जो आपके फोन में चल रहे हर काम को प्रोसेस करता है चाहे ऐप खोलना हो, इंटरनेट ब्राउज करना हो या फाइल सेव करनी हो. जितना तेज CPU होगा, उतना ही स्मूद फोन चलेगा. इसमें कोर्स (जैसे ऑक्टा-कोर) और क्लॉक स्पीड (GHz) जैसे फैक्टर्स इसके परफॉर्मेंस को तय करते हैं.

GPU

GPU यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट का काम है विजुअल्स और ग्राफिक्स को संभालना. चाहे आप हाई-फ्रेमरेट गेम खेल रहे हों, 4K वीडियो देख रहे हों या कैमरे में AI फिल्टर इस्तेमाल कर रहे हों सब कुछ GPU के जरिए तेजी से रेंडर होता है. मजबूत GPU होने पर गेमिंग में लैग नहीं होता, फ्रेम स्टटरिंग कम होती है और एनीमेशन बेहद स्मूद दिखाई देते हैं.

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NPU

NPU यानी न्यूरल प्रोसेसिंग यूनिट स्मार्टफोन की AI क्षमताओं को बढ़ाता है. यह उन कामों को संभालता है जिनमें मशीन लर्निंग की जरूरत होती है जैसे कैमरा में सीन डिटेक्शन, चेहरे की पहचान, लाइव ट्रांसलेशन, बैटरी मैनेजमेंट और AI फोटो एनहांसमेंट. NPU जितना पावरफुल होगा, उतनी ही तेजी और सटीकता से आपका फोन AI-आधारित कार्य कर पाएगा. आज के फ्लैगशिप प्रोसेसर NPU को और बेहतर बनाकर फोन को और ज्यादा स्मार्ट बना चुके हैं.

क्यों जरूरी है इन तीनों का बैलेंस?

आपके फोन की स्पीड सिर्फ तेज CPU से नहीं बढ़ती, न ही सिर्फ GPU से गेमिंग परफॉर्मेंस तय होती है. एक अच्छा स्मार्टफोन वह होता है जिसमें CPU, GPU और NPU तीनों का संतुलन मजबूत हो. यही वजह है कि किसी नए फोन को खरीदते समय प्रोसेसर के साथ-साथ GPU और AI इंजन (NPU) की क्षमता भी देखना जरूरी है.

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