धीरे-धीरे कंपनियां अपनी वर्कफोर्स में AI को शामिल करती जा रही है. अब एक के बाद एक कई सीईओ और एक्सपर्ट्स यह कह रहे हैं कि AI इंसानों के कंधों से काम का बोझ हल्का कर देगी. इस सूची में ताजा नाम जूम के सीईओ एरिक युआन का है. उनका मानना है कि वर्कप्लेस में AI को शामिल करने के कारण इंसानों को हफ्ते में केवल तीन दिन ही काम करना पड़ेगा और पांच दिन काम करने की जरूरत नहीं रहेगी. युआन से पहले बिल गेट्स भी ऐसी उम्मीद जता चुके हैं. 

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AI बनाएगी जीवन को आसान- युआन

न्यू यॉर्क टाइम्स से बातचीत करते हुए युआन ने कहा कि AI जीवन को आसान और बेहतर बनाएगी. हमें पांच दिन काम करने की जरूरत क्यों है. हर कंपनी को हफ्ते में तीन दिन या चार दिन ही काम करवाना चाहिए. इससे सबका टाइम बचेगा. वर्कफोर्स पर AI असर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी टेक्नोलॉजी में बड़ा बदलाव आता है, तब कई नौकरियां जाती हैं, लेकिन इससे नए मौके भी पैदा होते हैं. कोड लिखने के लिए एंट्री-लेवल इंजीनियर की जगह AI का यूज हो सकता है, लेकिन कोड मैनेज की भी जरूर पड़ती है. आप कई डिजिटल एजेंट भी बना लेते हो, लेकिन उन्हें मैनेज करने के लिए किसी की तो जरूरत पड़ेगी ही.

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बिल गेट्स समेत और लोग भी जता चुके ऐसी उम्मीद

इंसानों से काम का बोझ कम होने की उम्मीद जताने वाले युआन पहले नहीं है. उनसे पहले माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स और एनवीडिया के सीईओ Jensen Huang भी ऐसा कह चुके हैं. उनका मानना है कि आने वाले समय में AI कई काम कर लेगी और इससे लोगों को अपने काम से ब्रेक लेने का समय मिलेगा. गेट्स ने 2023 में एक पॉडकास्ट पर कहा था कि ऐसी सोसायटी बन जाएगी, जहां आपको हफ्ते में केवल तीन दिन ही काम करना पड़ेगा.

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