क्या आपने कभी सोचा है कि आपके आसपास की लाइटिंग का फोन को कैसे पता लगता है, जिससे वह फोन की स्क्रीन ब्राइटनेस को एडजस्ट कर देता है या गेमिंग के दौरान फोन को आगे से उठाने से कार या बाइक की स्पीड कैसे कम हो जाती है? दरसअल, यह पूरा खेल सेंसर का होता है. आपके स्मार्टफोन में कई सेंसर लगे होते हैं, जिससे वह आपके एक्शन का पता लगाकर रिएक्ट करता है. आज हम एंड्रॉयड स्मार्टफोन के कुछ ऐसे ही हिडन सेंसर की बात करने जा रहे हैं. 

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एंबिएंट लाइट सेंसर

इस सेंसर से आपके फोन को पता लगता है कि आपके आसपास कितनी लाइटिंग है और यह उसी आधार पर स्क्रीन ब्राइटनेस को एडजस्ट करता है. यह फ्रंट कैमरा के पास लगा होता है और लगातार काम करते रहता है.

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एक्सेलेरोमीटर 

लगभग सभी स्मार्टफोन में यह सेंसर मिलता है. इसकी मदद से गेमिंग में मोशन कंट्रोल किया जा सकता है और यह इमेज स्टेबलाइजेशन में भी मदद करता है. इसी सेंसर की मदद से फोन को उठाते ही उसका डिस्प्ले ऑन हो जाता है. यह सेंसर साइड-टू-साइड, अप-डाउन और फॉरवर्ड-बैकवर्ड मूवमेंट को ट्रैक करता है.

टेंपरेचर सेंसर

यह सेंसर केवल मॉडर्न पिक्सल डिवाइस में मिलता है. गूगल पिक्सल 8 प्रो और उसके बाद के प्रो मॉडल्स में यह सेंसर लगा होता है. इस सेंसर को किसी भी ऑब्जेक्ट की तरफ कर उसका टेंपरेचर मेजर किया जा सकता है. खाना बनाते समय इसकी मदद से आप किसी पैन के टेंपरेचर से लेकर कमरे के टेंपरेचर तक माप सकते हैं.

मेग्नेटोमीटर

इस सेंसर के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है, लेकिन यह है बड़े काम काम का. इसे खासतौर पर नेविगेशन के लिए यूज किया जाता है. जैसे ही आप गूगल मैप खोलते हैं तो आपके मुड़ने के साथ-साथ फोन की स्क्रीन भी रोटेट होती रहती है. यह सब मेग्नेटोमीटर के कारण होता है, जो पृथ्वी के मेग्नेटिक फील्ड को डिटेक्ट कर मैप को उसी हिसाब से ओरिएंट कर देता हैं. कंपास ऐप भी इसी सेंसर के कारण काम करती है.

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