बच्चों पर सोशल मीडिया के बुरे प्रभावों को लेकर लंबे समय से बहर चल रही है. प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं से लेकर बुलिंग तक इसमें शामिल है. अब एक ताजा स्टडी में पता चला है कि लंबे समय तक सोशल मीडिया यूज करने से बच्चों की मेंटल हेल्थ खराब होती है और वो ज्यादा देर तक कॉन्संट्रेट नहीं कर पाते. इस स्टडी में अमेरिका के अलग-अलग उम्र के हजारों बच्चों को शामिल किया गया था. आइए जानते हैं कि स्टडी में क्या बातें निकलकर सामने आई हैं. 

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सोशल मीडिया का सबसे खतरनाक प्रभाव- स्टडी

स्वीडन के कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने ऑरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के साथ यह स्टडी की. स्टडी के दौरान रिसर्चर ने देखा कि बच्चे कितने समय तक अलग-अलग डिजिटल एक्टिविटी करते हैं. स्टडी में भाग लेने वाले बच्चों ने एवरेज 2.3 घंटे टीवी या ऑनलाइन वीडियो देखे, 1.4 घंटे तक सोशल मीडिया यूज किया और 1.5 घंटे तक वीडियो गेम्स खेलें. इन सारी एक्टिविटीज में से केवल सोशल मीडिया के यूज के कारण उन्हें अंटेशन से जुड़ी दिक्कतें आईं. रिसर्चर का कहना है कि सोशल मीडिया के कारण बच्चों की अटेंशन कम हो रही है. 

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सोशल मीडिया के ये खतरे

रिसर्चर का कहना है कि एक बच्चे पर इसका असर कम हो सकता है, लेकिन अगर बड़ी आबादी में बच्चे सोशल मीडिया ज्यादा यूज करने लगते हैं तो इसका असर बहुत ज्यादा हो सकता है. स्टडी के सीनियर ऑथर प्रोफेसर तोर्केल क्लिंगबर्ग ने कहा कि बाकी डिजिटल मीडिया की तुलना में सोशल मीडिया ज्यादा चैलेंजिंग है. लगातार नोटिफिकेशन, मैसेज और अपडेट के कारण बच्चे के दिमाग का विकास प्रभावित होता है और उसकी उसकी फोकस करने की कैपेबिलिटी पर इसका असर पड़ता है. किसी मैसेज का इंतजार भी मेंटल डिस्ट्रेक्शन के तौर पर काम कर सकता है और वह खेल या पढ़ाई पर अपना ध्यान नहीं लगा पाता.

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