Elon Musk on Smartphone: टेक दुनिया के दिग्गज एलन मस्क ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने पूरी इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है. मस्क का दावा है कि 2030 तक हमारे हाथों से स्मार्टफोन पूरी तरह गायब हो जाएंगे. सुनने में यह भले ही अजीब लगे लेकिन मस्क का कहना है कि आने वाले समय में इंसान ऐसे एआई-आधारित डिवाइस का इस्तेमाल करेगा जो स्मार्टफोन की जरूरत को पूरी तरह खत्म कर देंगे.
मस्क ने बताया कि फिलहाल जो स्मार्टफोन्स हम इस्तेमाल कर रहे हैं वे असली स्मार्ट डिवाइस नहीं हैं बल्कि ये एआई सिस्टम का एक सीमित हिस्सा मात्र हैं. भविष्य में इंसान जिन गैजेट्स का उपयोग करेगा, वे सीधे सर्वर से जुड़ेंगे और इंसान के विचारों को समझने में सक्षम होंगे.
5–6 साल में बदलेगी टेक्नोलॉजी की दिशा
एक पॉडकास्ट बातचीत में मस्क ने कहा कि अगले 5 से 6 वर्षों में स्मार्टफोन के प्रति हमारी सोच पूरी तरह बदल जाएगी. उनका मानना है कि पारंपरिक स्क्रीन वाले डिवाइस की जगह अब ऐसे गैजेट्स आएंगे जो आवाज और विचारों के जरिए काम करेंगे.
मस्क ने आगे कहा कि भविष्य की एआई तकनीक इतनी उन्नत होगी कि वह इंसानों की जरूरतों, भावनाओं और मूड तक को समझ सकेगी. यानी बिना किसी बटन दबाए, डिवाइस खुद जान जाएगा कि आपको क्या चाहिए.
क्यों सच साबित हो सकता है मस्क का दावा
एलन मस्क की यह भविष्यवाणी सुनने में भले ही असंभव लगे, लेकिन इसके पीछे ठोस संकेत मौजूद हैं. OpenAI जैसी कंपनियां पहले से ही ऐसे गैजेट्स पर काम कर रही हैं जो न तो स्मार्टफोन हैं और न ही लैपटॉप.
रिपोर्ट्स के अनुसार, ओपनएआई एक “स्क्रीनलेस एआई डिवाइस” बना रही है जो बिना किसी डिस्प्ले के सभी डिजिटल काम कर सकेगा. इस तकनीक के आने के बाद स्मार्टफोन की जरूरत लगभग खत्म हो सकती है.
ऐप्स और ऑपरेटिंग सिस्टम भी होंगे पुराने
भविष्य के इन एआई डिवाइसेज़ के आने से ऐप्स और ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है. जैसे आज OpenAI या Perplexity के ब्राउज़र्स इतनी क्षमता रखते हैं कि बिना किसी ऐप को खोले, आप सीधे शॉपिंग, चैट या सर्च कर सकते हैं. आने वाले समय में एआई डिवाइस इंसान के लिए वही सब कुछ करेगा बिना किसी ऐप इंस्टॉल किए या स्क्रीन खोले.
स्क्रीन वाले फोन बन सकते हैं इतिहास
मस्क और ओपनएआई दोनों की दिशा एक ही इशारा करती है भविष्य में स्क्रीन वाले फोन इतिहास बन जाएंगे. एआई आधारित गैजेट न केवल आपकी आवाज पहचानेंगे, बल्कि आपके दिमाग से जुड़कर आपके विचारों को भी समझेंगे. मस्क का कहना है कि आने वाले सालों में इंसान और एआई का रिश्ता इतना गहरा हो जाएगा कि फोन चलाने की जरूरत ही खत्म हो जाएगी.
यानी 2030 तक, कॉल और मैसेज करने के लिए हमें किसी स्मार्टफोन की नहीं, बल्कि अपने ही “स्मार्ट दिमाग” से जुड़े एआई साथी की जरूरत होगी जो हमारी सोच पढ़कर ही सब कुछ कर देगा.
यह भी पढ़ें:
पावर बैंक से फोन चार्ज करते हैं? जरा संभल जाइए! ये छिपी सच्चाई उड़ाएगी होश