पिछले कुछ समय से स्मार्टफोन की कीमतें बढ़ती जा रही हैं और अब सस्ती कीमत वाले फोन कम ही लॉन्च हो रहे हैं. अगले साल भी यही ट्रेंड रहने वाला है और स्मार्टफोन खरीदना मुश्किल हो जाएगा. काउंटर प्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 में किफायती और मिड-रेंज स्मार्टफोन कम लॉन्च होंगे, जिससे लोगों को नए फोन खरीदने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. आइए जानते हैं कि कंपनियां कम कीमत वाले फोन लॉन्च करना बंद क्यों कर रही हैं.

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2026 में कम होगी स्मार्टफोन की बिक्री

काउंटर प्वाइंट ने अनुमान लगाया है कि 2026 में स्मार्टफोन की बिक्री कम होगी और ग्लोबल शिपमेंट में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कंपोनेंट का महंगा होना है. कंपोनेंट महंगे होने के कारण कंपनियों को स्मार्टफोन बनाने की लागत ज्यादा आ रही है और इसका सीधा असर फोन की कीमत पर पड़ेगा, जो ग्राहकों को चुकानी होगी.

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सस्ते मॉडल्स पर सबसे ज्यादा असर

लागत बढ़ने के सबसे ज्यादा असर 200 अमेरिकी डॉलर (लगभग 18,000 रुपये) से सस्ती कीमत वाले मॉडल्स पर पड़ेगा. काउंटर प्वाइंट का कहना है कि इस साल की शुरुआत से इन फोन को बनाने की लागत 20-30 प्रतिशत बढ़ चुकी है. ऐसे में अब कंपनियों के पास इनकी कीमत बढ़ाने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा है. कीमत बढ़ाने पर बजट सेगमेंट वाले ग्राहक इन्हें खरीदेंगे नहीं. इसलिए कंपनियां अब सस्ते मॉडल लॉन्च करने से पीछे हट रही हैं.

महंगे फोन पर भी असर

बजट के साथ-साथ मिड-रेंज और प्रीमियम फोन भी बढ़ती लागत का असर पड़ा है और अब कंपनियों के लिए इन्हें बनाना 15-20 प्रतिशत महंगा पड़ रहा है. यहां लागत बढ़ने का बड़ा कारण मेमोरी चिप्स की कमी और आसमान छूते दाम है. एआई के चलते कंज्यूमर मेमोरी चिप्स का प्रोडक्शन कम हुआ है और 2026 की दूसरी छमाही तक इनके दाम 40 प्रतिशत तक और बढ़ सकते हैं. इसके चलते भी कंपनियों की लागत 8-15 प्रतिशत तक और बढ़ सकती है.

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