साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए सरकार नियम कड़े करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी यूजर के सिम कार्ड से फ्रॉड या गैरकानूनी गतिविधियां की जाती हैं तो उस यूजर को भी जिम्मेदार माना जाएगा. इसे लेकर दूरसंचार विभाग ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है. विभाग ने कहा है कि अगर कोई यूजर अपना सिम कार्ड किसी दूसरे को देता है और वह उसका दुरुपयोग करता है तो उसके साथ-साथ यूजर भी इसके लिए जिम्मेदार होगा.

Continues below advertisement

इन मामलों में अलर्ट रहने की जरूरत

विभाग ने कहा है कि छेड़छाड़ किए गए IMEI नंबर वाले मोबाइल डिवाइस को यूज करने वाले, छेड़छाड़ किए गए IMEI नंबर वाले डिवाइस को खरीदने वाले, फर्जी डॉक्यूमेंट या जालसाजी के जरिए सिम कार्ड खरीदने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. साथ ही अगर कोई यूजर अपना सिम कार्ड किसी दूसरे को देता है और उसका मिसयूज होता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे काम करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही विभाग ने लोगों को उन ऐप्स और वेबसाइट्स का यूज करने से बचने की सलाह दी है, जो कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी को बदल देती हैं.

Continues below advertisement

कानून में सजा और जुर्माने का प्रावधान

कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर को टेंपर करता है तो उसे तीन साल की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. कानूनी तौर पर IMEI को बदलने, या इसे बदलने वाले उपकरणों के इस्तेमाल, बनाने और रखने पर भी पाबंदी लगी हुई है. नई गाइडलाइंस के अनुसार, भारत में बनने वाले हर मोबाइल फोन, मॉड्यूल, मॉडम और सिम बॉक्स का IMEI नंबर सरकार के Device Setu (ICDR) Portal पर पहली बिक्री, टेस्टिंग या रिसर्च से पहले रजिस्टर करना जरूरी कर दिया गया है. इसी तरह विदेश से लाने वाले डिवाइस का IMEI नंबर भी रजिस्टर करना होगा.

ये भी पढ़ें-

इन कारणों से स्मार्टफोन में हो सकता है ब्लास्ट, भूलकर भी न करें ये गलतियां