अगर आपने मोबाइल यूज किया है तो सिम कार्ड के बारे में आपको पता ही होगा. फीचर फोन में सिम कार्ड का आकार थोड़ा बड़ा होता था, लेकिन स्मार्टफोन आने के बाद इनका साइज कम होता गया. अब ऐसे फोन आ रहे हैं, जो ई-सिम को सपोर्ट करते हैं और इनमें फिजिकल सिम कार्ड की जरूरत नहीं होती. एक समय ऐसा भी था, जब सिम कार्ड का आकार क्रेडिट कार्ड जितना होता था. आइए आज सिम कार्ड से जुड़ी थोड़ी हिस्ट्री जान लेते हैं. 

Continues below advertisement

कब हुई थी सिम कार्ड की शुरुआत?

सिम कार्ड का पूरा नाम सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (SIM) होता है. यह फोन को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ता है. सिम कार्ड का आविष्कार सबसे पहले म्यूनिख में हुआ था. 1991 में यहां की स्मार्ट कार्ड बनाने वाली कंपनी Giesecke and Devrient ने पहला सिम कार्ड बनाया था. लॉन्चिंग के समय सिम कार्ड के दो वेरिएंट पेश किए गए थे. इसमें से एक का साइज क्रेडिट कार्ड के बराबर था, जबकि दूसरा वर्जन छोटे साइज का था. बड़े साइज वाले सिम कार्ड का इस्तेमाल फिक्स्ड कार फोन और शुरुआती पोर्टेबल फोन में होता था, जबकि छोटे पोर्टेबल फोन में मिनी सिम कार्ड डलता था. सिम कार्ड आने का फायदा यह हुआ कि यूजर्स को अपना सब्सक्रिप्शन अलग-अलग डिवाइस के बीच स्विच करने का ऑप्शन मिल गया था, जो इससे पहले मौजूद नहीं था.

Continues below advertisement

कब से छोटी हुई सिम?

सिम कार्ड के आकार घटने की शुरुआत 2010 में हुई और 2012 में पहले से भी छोटे सिम कार्ड आने शुरू हो गए. अधिकतर स्मार्टफोन कंपनियों ने इन दोनों साइज के हिसाब से अपने स्मार्टफोन के सिम कार्ड स्लॉट को डिजाइन किया था. पिछले कुछ सालों से स्मार्टफोन कंपनियों ने अपने फोन में ज्यादा से ज्यादा फीचर देने के लिए सिम कार्ड स्लॉट को छोटा करना शुरू कर दिया. इसके बाद सिम कार्ड का साइज और कम होता गया. 2017 में पहली बार सिम कार्ड के सॉफ्टवेयर वर्जन ई-सिम को पेश किया गया था. शुरुआत में यह केवल वीयरेबल डिवाइस तक सीमित थी, लेकिन अब स्मार्टफोन में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है.

ये भी पढ़ें-

लूट मचने वाली है! इस सेल में 50,000 रुपये से भी कम में मिलेगा iPhone 16, पहले कभी नहीं टूटी इतनी कीमत